Delhi Kanjhawala Accident: क्या निधि खोलेगी अंजलि की मौत का राज ? दिल्ली पुलिस कर रही पूछताछ !

कंझावला हादसे मामले में दिल्ली पुलिस मृतका अंजलि की दोस्त निधि से पूछताछ कर रही है। दिल्ली पुलिस ने स्पष्ट किया कि उन्हें जांच में शामिल होने के लिए बुलाया गया है।

कंझावला हादसे मामले में दिल्ली पुलिस मृतका अंजलि की दोस्त निधि से पूछताछ कर रही है। दिल्ली पुलिस ने स्पष्ट किया कि उन्हें जांच में शामिल होने के लिए बुलाया गया है। एक जनवरी की रात दिल्ली के बाहरी इलाके सुल्तानपुरी में स्कूटी से जा रही अंजलि को एक कार ने टक्कर मार दी थी। इसके बाद कार उसे 12 किमी तक घसीटती रही। सुबह 4 बजे अंजलि का शव कंझावला में सड़क किनारे मिला। जिस वक्त हादसा हुआ उस वक्त स्कूटी पर अंजलि के साथ उसकी सहेली निधि भी सवार थी। हादसे के बाद निधि घटनास्थल से सीधे घर चली गई। उसने इस घटना के बारे में पुलिस या अंजलि के परिवार को किसी से नहीं बताया। होटल के सीसीटीवी फुटेज से खुलासा हुआ कि उस दिन अंजलि के साथ उसकी एक सहेली भी थी, जिसके बाद निधि का पता चला।

कंझावला कांड में पुलिस अब तक छह आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। कार के मालिक और छठे आरोपी आशुतोष को पुलिस ने शुक्रवार (6 जनवरी) को गिरफ्तार कर लिया।

कार में 5 नहीं 4 लोग

इससे पहले गुरुवार को पुलिस ने यह नहीं बताया कि घटना वाली रात अंजलि को टक्कर मारने वाली कार में 5 नहीं बल्कि चार लोग सवार थे। विशेष पुलिस आयुक्त हुड्डा ने बताया था कि मामले में दो और संदिग्ध शामिल हैं, जिनकी संलिप्तता सीसीटीवी और कॉल रिकॉर्ड से साबित हुई है।

पुलिस को दिया झूठा बयान

पुलिस के मुताबिक, दो अन्य आरोपियों आशुतोष और अंकुश खन्ना ने पुलिस को झूठे बयान दिए। घटना के वक्त दोनों कार में नहीं थे। दिल्ली पुलिस ने अंकुश खन्ना के बारे में बताया कि वह कंझावला कांड के आरोपी अमित का बड़ा भाई है। घटना के बाद अमित ने अंकुश को फोन किया और पूरी घटना की जानकारी दी, जिसके बाद अंकुश ने दीपक को फोन किया। अंकुश तिपहिया वाहन से दीपक को लेकर आशुतोष के घर के बाहर पहुंचा, जहां बलेनो में चारों आरोपी भी पहुंचे, जिसके बाद चारों आरोपी और दीपक व अंकुश एक ऑटो में दीपक के घर गए और सो गए।

इसलिए दिल्ली पुलिस ने दीपक को भी आरोपी बनाया है क्योंकि उसने मुख्य आरोपियों की मदद की और उन्हें शरण दी। हालांकि पहले पुलिस को गुमराह करने के लिए बताया गया कि कार दीपक चला रहा था लेकिन कार में चार आरोपी ही सवार थे। दीपक अपने घर में मौजूद था लेकिन उसने घटना के बाद आरोपी का साथ दिया और अंकुश को भी आरोपी बनाया गया है क्योंकि उसने अपने भाई और अन्य आरोपियों की भी मदद की और घटना की जानकारी पुलिस को नहीं दी।

 

 

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