एक-दो नहीं, 62 साल के शख्‍स ने लगवाई 217 COVID-19 vaccines !

एक शख्‍स ने कोविड की 217 वैक्‍सीन लगवा ली। दुनिया के एक्सपर्ट डॉक्टर और साइंटिस्ट काफी हैरान हैं पूरी खबर पढ़कर आपका भी दिमाग हिल जाएगा।

आपने कोरोना वैक्‍सीन की एक-दो या तीन खुराक लेते तो सुना होगा, लेकिन एक शख्‍स ने कोविड की 217 वैक्‍सीन लगवा ली। दुनिया के कई देशों के एक्सपर्ट डॉक्टर और साइंटिस्ट काफी हैरान हैं पूरी खबर पढ़कर आपका भी दिमाग हिल जाएगा। दरअसल, COVID-19 vaccines को लेकर हम और आप जब दो डोज लेने या बूस्टर शॉट लगवाने में डर या झिझक रहे थे, तब जर्मनी में 62 साल के एक शख्स ने कोविड वैक्सीन का 200 से ज्यादा बार शॉट लेने का दावा किया है।

Immune System में क्या-क्या बदलाव हुआ ?

अब साइंटिस्ट हैरानी से इस बात की स्टडी कर रहे हैं कि ऐसे शख्स के Immune System में क्या-क्या बदलाव हुआ है। रिसर्चर्स भी उस शख्स के रिपोर्ट कार्ड की बारीकी जांच कर रहे हैं टीकों में आमतौर पर मैसेंजर Ribonucleic Acid या MRNA होता है, जो शरीर की कोशिकाओं को वायरस से आनुवंशिक कोड को पहचानने में मदद करता है, लेकिन बार-बार शरीर की कोश‍िकाओं को एक ही तरह की चीज दी जाए तो वे थक जाती हैं क्‍योंक‍ि डोज की वजह से वे बार-बार Reaction करने के ल‍िए उत्‍तेज‍ित होती हैं ,इसीलिए कहा जाता है कि शरीर को बार-बार वैक्‍सीन नहीं देनी चाहिए।

62 साल के शख्‍स ने एक-दो नहीं, 217 कोविड वैक्‍सीन लगवा ली, जान‍िए क्‍या हुआ  अंजाम? - weird news 62 year old man takes 217 shot of covid vaccine know  what happened

COVID-19 संक्रमण से सुरक्षा के लिए 217 वैक्सीन

62 साल के उस जर्मन शख्स के नाम का खुलासा नहीं किया गया है, जिसने घातक COVID-19 संक्रमण से सुरक्षा के लिए कुल 217 वैक्सीन शॉट्स लिए। Hyper-Vaccination के बाद भी शख्स को कोई Side effect नहीं हुआ, जो वैज्ञानिकों के लिए सबसे आश्चर्यजनक बात है। उस शख्स की जांच के दौरान रिसर्च टीम ने उसे एक बार और वैक्सीन का डोज दिया और फिर उसका blood test किया गया।

Man got 217 doses of Corona Vaccine scientists Shocked Know What Happened  Next - बुजुर्ग ने लगवा लीं कोरोना वैक्सीन की 217 डोज, वैज्ञानिकों के उड़ गए  होश; जानें फिर क्या हुआ,

Vaccination का क्या है फायदा ?

एक नियम के रूप में Vaccination में आम तौर पर रोग पैदा करने वाले Bacteria या Virus के कुछ हिस्से या ऐसा ढांचा होता है, जिसे इंसान के cells खुद बना सकें। इन Antigen की वजह से शरीर की Immune System असली बीमारी पैदा करने वाले जीव को पहचानना सीख लेता है। फिर ये Antibody बीमारी पैदा करने वाले बैक्टीरिया या वायरस से अधिक तेजी और मजबूती से लड़ सकता है।

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