STF: लखनऊ के अलग-अलग इलाकों से पीएफआई के तीन और सदस्य गिरफ्तार, भड़काऊ दस्तावेज तथा विस्फोटक बरामद !

एसटीएफ ने बुधवार को लखनऊ के कई इलाकों में छापेमारी की। इस दौरान पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के तीन और सदस्यों को गिरफ्तार किया है।

एसटीएफ ने बुधवार को लखनऊ के कई इलाकों में छापेमारी की। इस दौरान पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के तीन और सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इनमें मो. आबिद को गुडंबा, मो. हाशमी को कैसरबाग और मो. दिलशाद को आलमबाग से पकड़ा। तीनों के कब्जे से मोबाइल, लैपटॉप, भड़काऊ व आपत्तिजनक दस्तावेज तथा विस्फोटक बनाने वाली जानकारी के 10 पर्चे मिले हैं। दिलशाद पीएफआई के सहयोगी संगठन सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) का प्रदेश सचिव है।

कैसरबाग, गुडंबा व आलमबाग में छापा

एसटीएफ के अनुसार तीनों देश विरोधी साजिश में शामिल थे। साथ ही वे युवाओं को गुमराह करके उन्हें आतंकियों गतिविधियों के लिए भड़का रहे थे। तीनों कई जिलों में ट्रेनिंग देने के अलावा तकरीरें भी कर चुके हैं। इनके अन्य साथियों की तलाश की जा रही है। एसटीएफ, एटीएस और एनआईए की टीम ने बुधवार को भी सुबह से शाम तक कैसरबाग, गुडंबा व आलमबाग में कई जगह छापा मारा। दो दर्जन से अधिक जवानों के साथ हुई इस छापेमारी से हड़कंप मचा रहा।

विस्फोटक जैसी अन्य संदिग्ध चीजे बरामद

सबसे पहले एसटीएफ व एटीएस की टीम ने गुडंबा के पलका गांव में दबिश दी और मो. आबिद के घर में तलाशी ली लेकिन वह नहीं मिला। पता चला कि वह कुछ दूरी पर अपने रिश्तेदार मुकतविर के यहां छिपा हुआ था। यहां एसटीएफ व एटीएस के जवान चहारदीवारी फांदकर घुसे तो वह पकड़ में आ गया। आबिद के पास भड़काऊ बातें लिखी 12 किताबें मिलीं। साथ ही 10 सेट में बने हुए कुछ पन्ने मिले जिन पर विस्फोटक बनाने की विधि लिखी हुई थी। मो. आबिद को एसटीएफ मुख्यालय ले जाया गया।

आलमबाग से गिरफ्तार मो. दिलशाद

इसी तरह एसटीएफ की एक टीम ने आलमबाग के आजाद नगर से मो. दिलशाद को गिरफ्तार किया। यह इलाका कृष्णानगर कोतवाली क्षेत्र में आता है। हालांकि एसटीएफ ने स्थानीय पुलिस को सूचना नहीं दी और गुपचुप तरीके से छापा मार कर दिलशाद को पकड़ा। धर्म विशेष के युवाओं को भड़काने की क्षमता को देखते हुए उसे एसडीपीआई का प्रदेश सचिव बनाया गया था। एसडीपीआई का एक सदस्य अहमद बेग पहले ही पकड़ा जा चुका है।

हाशमी ने पीएफआई के बारे में कई नई जानकारियां एसटीएफ को दी

आबिद से जानकारी मिलते ही एसटीएफ की टीमें कैसरबाग में ओडियन सिनेमा हॉल के पास पहुंच गई, जहां से मो. हाशमी को पकड़ा। हाशमी ने कुबूला कि वह कई जिलों में तकरीरें कर चुका है। उसे मीटिंग करने के लिए पीएफआई की ओर से आर्थिक मदद मुहैया कराई जाती थी। हाशमी मूल रूप से हमीरपुर के राठ का रहने वाला है।

हाशमी ने पीएफआई के बारे में कई नई जानकारियां एसटीएफ को दी हैं। हाशमी पहले कार मैकेनिक था। वह राठ कस्बे के मोहल्ला फरसौलियाना में दुकान चलाता था। धीरे-धीरे वह राजनीतिक पार्टियों में सक्रिय हुआ और फिर पीएफआई में शामिल हो गया। मेरठ में पुलिस की जीप जलाने की घटना में उसकी गिरफ्तारी हुई थी, लेकिन तब वह पैंतरेबाजी करके बच निकला था। हाशमी के पिता अब्दुल मुनीम सेवानिवृत्त राजस्व कर्मी हैं। वह लंबे अरसे से परिवार के संपर्क में नहीं है। पिछले कुछ समय से वह मेरठ में था।

 

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