कयासो के दौरों को लगा विराम, हुआ डिप्टी सीएम का संभावित एलान
पांच दिन की रस्साकसी के बाद तय हुए है ये प्रमुख नाम, सभी वर्गों को जोड़ने की करी गई है कोशिश
उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव इस बार जितना सस्पेंस लेकर आया था उससे कहीं जयादा सस्पेंस मंत्रीमॉडल को लेकर चल रहे है। लेकिन हाल में योगी आदित्यनाथ के दिल्ली जाने के बाद कयासों पर काफी हद तक विराम लगा है। सूत्रों के मुताबिक इस बार यूपी में तीन डिप्टी सीएम ( cm ) हो सकते है। और वो खास नाम ये रहे :
बेबी रानी मौर्या
उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल बेबी रानी मौर्या इस बार आगरा से विधायक चुनी गईं है। आगरा की पहली मेयर रहीं बेबी रानी मौर्या बीजेपी से एक बड़ी दलित चेहरा भी है। यूपी की आबादी में दलित मतदाताओं की संख्या लगभग 19 फ़ीसदी है। जिसमें से जाटव समुदाय की हिस्सेदारी लगभग 50 फ़ीसदी है। और ये एकमात्र ऐसा दलित समुदाय है, जिसे बीजेपी अब तक अपने साथ लाने में कामयाब नहीं हुई है।
स्वतंत्र देव सिंह
प्रभावशाली कुर्मी जाति ( ओबीसी ) से ताल्लुक रखने वाले यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव भी इस फेरिस्त में शामिल है। बता दें 2017 में यूपी बीजेपी के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या थे जो बाद में डिप्टी सीएम बने। और हाल फ़िलहाल में प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह है। तो उनका भी दावा मजबूत माना जा सकता है।
ब्रजेश पाठक
बीजेपी में शामिल होकर पहली बार में ही मंत्री बनने वाले ब्रजेश पाठक भी डिप्टी सीएम की रेस में बने हुए है। करीब बीस सालों से भी अधिक समय से राजनीती में सक्रीय रहे बृजेश पाठक लगातार दूसरी बार बीजेपी सरकार से विधायक चुने ऐसे गए है। ऐसे में इस बार उन्हें सामान्य जाति का बड़ा चेहरा होने के नाते ये पद दिया जा सकता है।
वैसे अगर डिप्टी सीएम के अन्य चेहरों पर नज़र डाले तो इसमें असीम अरुण, केशव प्रसाद मौर्या जैसे नेता भी डिप्टी सीएम पर अपनी दावेदारी मजबूती से रखते है।