# नागपंचमी : इस तरह विशेष योग में करें भगवान शिव का पूजन, पाईये मनचाहा फल !
स्कंद पुराण के अनुसार इस दिन नागों की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती ha इस साल नाग पंचमी 2 अगस्त को मनाई जाएगी।
पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष श्रावण शुक्ल पंचमी को नागों की पूजा का पर्व नागपंचमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन नागों की पूजा की जाती है। साथ ही उन्हें दूध भी चढ़ाया जाता है। नागों की पूजा से आध्यात्मिक शक्ति, सिद्धियां प्राप्त की जा सकती हैं। ऋषि कश्यप, कद्रू और विनता की दो पत्नियों से नागों का जन्म हुआ।
स्कंद पुराण के अनुसार इस दिन नागों की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस साल नाग पंचमी 2 अगस्त को मनाई जाएगी। वहीं इस दिन विशेष योग भी बन रहा है। आइए जानते हैं पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और आरती के बारे में :
जानिए पूजन के शुभ मुहूर्त :
पूजन के शुभ मुहूर्त के बारे में बात करें तो वो कुछ इस प्रकार से है।
नाग पंचमी मंगलवार, 2 अगस्त, 2022 पंचमी तिथि शुरू: 02 अगस्त, 2022 पूर्वाह्न 05:14 बजे तक
पंचमी तिथि समाप्त: 03 अगस्त, 2022 पूर्वाह्न 05:42 बजे तक
नाग पंचमी पूजा मुहूर्त – प्रातः 06:05 से प्रातः 08:41 तक
पूजा की अवधि: 2 घंटे 36 मिनट
बन रहा है विशेष संयोग
पंचांग के अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र और शिव योग बन रहा है। ज्योतिष की दृष्टि से यह अत्यंत शुभ संयोग है। नाग पंचमी के दिन भोलेनाथ और नागदेव की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
इस तरह करें पूजा
नागपंचमी के दिन अपने दरवाजे के दोनों ओर सांपों की आकृति बनानी चाहिए। इसके साथ ही अगरबत्ती, फूल आदि से सर्पों के आकार की पूजा करनी चाहिए। इसके बाद इंद्राणी देवी की पूजा करनी चाहिए। दही, दूध, अक्षत, जल, फूल, नवैद्य आदि का भोग लगाना चाहिए। पूजा के बाद नाग देवता की प्रसन्नता के लिए इस मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से आप पर भोलेनाथ की कृपा बनी रहेगी।
शिव की पूजा के साथ नाग देवता की पूजा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जो लोग काल सर्प दोष से पीड़ित होते हैं उनकी जन्म कुंडली में सांप का श्राप होता है। उन्हें भगवान शिव की पूजा के साथ नाग देवता की पूजा करनी चाहिए। साथ ही भगवान शिव का रुद्राभिषेक भी करना चाहिए।