5G Spectrum India: भारत मे 5G स्पेक्ट्रम की बोली का आज आखरी दिन, जानिए कौन रहा टॉप बिडर ?
भारत में 5G की पहली नीलामी सोमवार को सफलतापूर्वक संपन्न हो गयी, जिसमे सरकार द्वारा 1,50,173 करोड़ रूपए का स्पेक्ट्रम बेचा गया।
भारत में 5G की पहली नीलामी सोमवार को सफलतापूर्वक संपन्न हो गयी, जिसमे सरकार द्वारा 1,50,173 करोड़ रूपए का स्पेक्ट्रम बेचा गया। ख़बरों के मुताबिक मुकेश अम्बानी की जियो कंपनी स्पेक्ट्रम की सबसे ज्यादा बोली लगाने वाली कंपनी थी।
5G की स्पेक्ट्रम की बोली हुई सम्पन्न !
सोमवार को भारत में 5G की पहली नीलामी सोमवार को सफलतापूर्वक संपन्न हो गयी, जिसमे सरकार द्वारा 1,50,173 करोड़ रूपए का स्पेक्ट्रम बेचा गया। स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाने का आखरी दिन था। जिसमे बिक्री का अंतिम आकड़ा 1,50,173 करोड़ रूपए आया। ख़बरों के अनुसार ‘फाइनल टैली अभी भी चल रही है और सरकार जल्द ही इसकी घोषणा करेगी।’ बोली लगाने वाली कंपनियों में रिलायंस Jio, भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और गौतम अडानी की अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड का नाम शामिल था।
700 मेगाहर्ट्ज बैंड के लिए अचानक बढ़ी बिडिंग !
भारत में 5G सेवाओं वाले स्पेक्ट्रम की नीलामी 26 जुलाई को शुरू हुई थी, जिसमें लगभग 72,000 मेगाहर्ट्ज, नौ बैंड के तहत, 20 साल की वैलिडिटी पीरियड के साथ बेचे गए हैं। 5G स्पेक्ट्रम नीलामी के पहले दिन, 700 मेगाहर्ट्ज बैंड, जिसके लिए 2016 और 2021 में किसी कंपनी ने बोली नहीं लगाई थी, उसकी मांग अचानक से बढ़ गयी, जिसमे इस बैंड के 40% हिस्से पर 39,300 करोड़ की बोली लगाई गयी थी।
4G से होगा 10 गुना तेज़ !
अल्ट्रा-हाई स्पीड मोबाइल डाटा वाले 5G स्पेक्ट्रम पिछले साल बेचे गए 4G एयरवेव्स के 77,815 करोड़ रुपये से लगभग दोगुना और 2010 में 3G नीलामी से प्राप्त ₹50,968.37 करोड़ का तिगुना है। 4G की तुलना में 5g लगभग 10 गुना तेज स्पीड प्रदान करने में सक्षम है और रियल टाइम में अरबों डिवाइसों के साथ डेटा साझा कर सकता है। ख़बरों के मुताबिक अडानी ग्रुप ने 26 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम खरीदा है जो कि उनके निजी टेलीकॉम नेटवर्क के लिए इस्तेमाल किया जयेगा।
बोली लगाने में Jio रहा सबसे आगे !
एक अनुमान के मुताबिक कुल स्पेक्ट्रम खरीद में Jio ने 84,500 करोड़, एयरटेल ने 46,500 करोड़, वोडाफोन-आइडिया (VI) ने 18,500 करोड़ और अडानी ग्रूप ने 800 से 900 करोड़ रूपए खर्च किये हैं। दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पहले कहा था कि 5G की नीलामी इस बात को रेखांकित करती है कि यह उद्योग विस्तार करना चाहता है। वैष्णव ने इस साल अक्टूबर तक 5G के रोलआउट की उम्मीद जताई थी। जिसपर सरकार का कहना है कि यह 4G की अपेक्षा 10 गुना तेज डेटा स्पीड प्रदान कर सकता है।