जानिए, इजराइल और फिलिस्तीन के बीच युद्ध की असल वजह !

इजरायल और फिलिस्तीन के बीच 6 अक्टूबर से शुरू हुई जंग अब तक थमने का नाम नहीं ले रही है। दोनों तरफ से अब तक 3 बजार से ज्यादा नागरिक और सैनिक मारे जा चुके हैं।

इजरायल और फिलिस्तीन के बीच 6 अक्टूबर से शुरू हुई जंग अब तक थमने का नाम नहीं ले रही है। दोनों तरफ से अब तक 3000 से ज्यादा नागरिक और सैनिक मारे जा चुके हैं। इजरायल में 900 लोग मारे गए हैं, जबकि 2300 लोग घायल हैं। गाजा पट्टी में 700 फिलिस्तीनियों के मारे जाने की खबर है और 3726 लोग घायल हुए हैं। इजरायल ने दावा किया है कि उसने हमास के 1500 आतंकियो को गाजा पट्टी पर मार गिराया है।

इस जंग से हर तरफ बर्बादी का आलम है।  घर उजड़ गए हैं और जिंदगियां तबाह हो गई हमास ने इजरायली इलाके पर अब तक सबसे बड़ा हमला करके 700 से ज्‍यादा इजरायली लोगों को मार दिया। हमास और इजरायल के बीच यह लड़ाई अभी जारी है। इजरायल अब गाजा पर जमीनी हमला करने की तैयारी कर रहा है ताकि हमास को सत्‍ता से उखाड़ फेंका जाए। हमास ने कई इजरायली लोगों को बंधक बना लिया और महिलाओं के साथ अमानवीय व्‍यवहार किया है।

आइए जानते हैं क्‍या है गाजा पट्टी

इससे इजरायल बहुत गुस्‍से में है और 1 लाख सैनिकों को गाजा पट्टी की सीमा के पास जमा कर लिया है। इजरायल के प्रधानमंत्री ने ऐलान किया है कि यह बहुत लंबा युद्ध होने जा रहा है। उधर, ईरान और कतर ने इजरायल को चेतावनी दी है। इस तनाव के बीच पश्चिम एशिया में जंग छिड़ने जैसे हालात बनते नजर आ रहे हैं। गाजा पट्टी जिसके मात्र 41 किमी के इलाके लिए इजरायल और हमास के बीच दशकों से जंग चल रही है

गाजा पट्टी पर हमास ने साल 2007 में शासन शुरू किया था। इसके बाद हमास और इजायल के बीच कई बार भीषण लड़ाई हो चुकी है। हमास को ईरान और कतर समेत कई मुस्लिम देशों का साथ मिला हुआ है। हमास ने अब तक हजारों की तादाद में रॉकेट इजरायल पर दाग चुका है। इसके जवाब में इजरायल अब तक कई बार गाजा में विध्‍वंस मचा चुका है। इजरायल ने साल 2007 से ही गाजा पट्टी की चौतरफा नाकेबंदी कर रखी है। गाजा पट्टी भूमध्य सागर से सटकर इजरायल और मिस्र के बीच स्थित भूमि की एक संकीर्ण पट्टी है। गाजा पट्टी पर पहले ऑटोमन साम्राज्य और फिर ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा कब्जा कर लिया गया। यह दो फिलिस्तीनी क्षेत्रों में से छोटा है। दूसरा इलाका पश्चिमी किनारा है।

फ़िलिस्तीन में एक यहूदी मातृभूमि बनाने का काम सौंपा

प्रथम विश्व युद्ध में ओटोमन साम्राज्य की हार के बाद, ब्रिटेन ने फिलिस्तीन पर नियंत्रण हासिल कर लिया. तब तक इजरायल नाम के कोई देश का अस्तित्व नहीं था. इजरायल के वर्तमान क्षेत्र से लेकर वेस्ट बैंक तक के पूरे इलाके फिलस्तीन के नाम से जाने जाते थे। जहां अरबी मुसलमानों के साथ यहूदी शरणार्थी के तौर पर फिलिस्तीन में रह रहे थे।

आगे, यहूदियों ने अपना एक अलग देश बनाने की मुहिम छेड़ दी. अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने ब्रिटेन को फ़िलिस्तीन में एक यहूदी मातृभूमि बनाने का काम सौंपा, जिससे दोनों समूहों के बीच तनाव बढ़ गया.

आखिर क्या है हमास?

हमास फिलिस्तीन का एक इस्लामिक चरमपंथी संगठन है। इसी के कारण इजरायल और फिलिस्तीन के बीच युद्ध की शुरुआत हो चुकी है। हमास ने ही 7 अक्टूबर की सुबह इजरायल पर 5000 रॉकेट दागे और इजरायल में घुसपैठ कर इजरायल के नागरिकों पर हमले किए। हालांकि अब इजरायल ने हमास के खिलाफ ऑपरेशन ऑयरन स्वॉर्ड शुरू कर कर दिया है। बता दें कि साल 1987 में हुए जनआंदोलन में शेख अहम यासीन ने हमास संगठन की नींव रखी थी। तब से हमास फिलिस्तीनी इलाकों से इजरायल को हटाने के लिए लड़ाई लड़ रहा है। हमास को गाजा पट्टी से ऑपरेट किया जाता है। इजरायल को बतौर देश हमास मान्यता नहीं देता है और इस पूरे इलाके में एक इस्लामी राष्ट्र की स्थापना करना चाहता है।

भारत में भी इस मामले पर सियासी चर्चा तेज हो गई है क्योंकि भारत परंपरागत रूप से फिलीस्तीन का समर्थन करता आ रहा है लेकिन मोदी सरकार खुलकर इजरायल के साथ खड़ी दिख रही है।

मध्य-पूर्व के इस्लामिक देश फिलिस्तीन के साथ मजबूती से खड़े दिखते हैं और वो फिलिस्तीनियों के लिए अलग राष्ट्र की मांग करते रहे हैं। हालांकि, यूएई, बहरीन, मोरक्को जैसे कुछ इस्लामिक देशों का रुख अब इजरायल को लेकर बदल रहा है। यूएई, बहरीन ने तो हमले के लिए हमास की निंदा भी की है। हमास और इजरायल युद्ध में अमेरिका खुले तौर पर इजरायल का समर्थन कर रहा है। अमेरिका ने मदद के तौर पर खतरनाक हथियार और गोला-बारूद से लैस एक विमान इजरायल भेजा है। वहीं, लेबनान और सीरिया भी अप्रत्यक्ष रूप से फिलीस्तीन की मदद कर रहा है।

 

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