सरकार की ओर से राज्यों को चीन-पाकिस्तान जैसे देशों के साथ व्यापार पर लगाम लगाने की दी गई चेतावनी !

भारत ने किसी देश का जिक्र नहीं किया. लेकिन संकेत ये हैं कि भारत चीन और पाकिस्तान जैसे देशों के साथ विशेष व्यापार समझौते नहीं करना चाहता।

भारत ने किसी देश का जिक्र नहीं किया। लेकिन संकेत ये हैं कि भारत चीन और पाकिस्तान जैसे देशों के साथ विशेष व्यापार समझौते नहीं करना चाहता। सरकार उनके साथ कोई व्यावसायिक समझौता नहीं चाहती। राज्य सरकारों को भी इसके बारे में बताया जा रहा है।

India-China Relations Likely to Remain Confrontational: Chinese Researcher

व्यावसायिक संबंध से पहले मंजूरी जरूरी

जुलाई 2020 का एक आदेश था। भारत के साथ जमीनी सीमा वाले दोनों देशों के साथ कोई भी व्यावसायिक संबंध बनाने से पहले सेवा व्यापार पर ध्यान से विचार करने की बात कही गई। हालाँकि, उस समय किसी विशिष्ट देश का नाम नहीं लिया गया था। हालांकि, इस बार सरकार ने सभी राज्यों को निर्देश भेजकर कहा है कि पड़ोसी दुश्मन देशों के साथ किसी भी व्यावसायिक संबंध से पहले जरूरी मंजूरी जरूरी है। क्योंकि पूरे मामले से राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा जुड़ा हुआ है।

भारत की सुरक्षा एजेंसियों के हाथ कुछ जानकारियां

सभी मुख्य सचिवों से संपर्क किया गया है। लेकिन ऐसा निर्देश क्यों दिया गया? दरअसल, केंद्र सरकार को जानकारी मिली है कि कई राज्यों की कंपनियां बुनियादी ढांचे के विकास के काम के लिए चीनी ठेकेदारों को लाने की कोशिश कर रही हैं। सरकार इसे कतई स्वीकार नहीं कर सकती। एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन की BYD ऑटो कंपनी लिमिटेड के अधिकारी भारतीय वीजा प्राप्त करने के लिए नेपाल और श्रीलंका में भारतीय उद्योगों के अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे थे। इस बीच इजराइल के हमले से पहले ही भारत की सुरक्षा एजेंसियों के हाथ कुछ जानकारियां पहुंच गईं।

चीनी मोबाइल ऐप्स पर प्रतिबंध

23 जुलाई, 2020 को भारत ने विभिन्न सार्वजनिक परियोजनाओं को पूरा करने में विभिन्न दुश्मन देशों के साथ काम करने पर प्रतिबंध लगा दिया। चीन की आक्रामकता के खिलाफ भारत ने नई राह पकड़ ली है। 2020 के गलवान संघर्ष के तुरंत बाद, 29 जून को, कम से कम 59 मोबाइल ऐप्स, विशेष रूप से चीनी मोबाइल ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। देश का मानना ​​है कि इससे भारत की संप्रभुता को नुकसान पहुंच सकता है। साथ ही सस्ते चीनी सामान के स्थान पर भारत की आत्मनिर्भरता पर जोर देना है।

 

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