# झारखण्ड : सोती हुई अंकिता को जलाने वाले शाहरुख़ पर ‘ ये कैसा मौन ‘?
अफसोस की बात है कि जिस तरह से बिलकिस बानो के केस में भूचाल लेन वाले आखिर इस मामले में क्यों चुप्पी साधे हुए है ?
आज देश के झारखण्ड राज्य से पांच दिन से जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही अंकिता का अंतिम संस्कार कर दिया गया। देश के सपनो को उंचाईयों तक पहुँचाने का जज्बा रखने वाली बेटी को सपनो के साथ उसे जला दिया गया।
सरकार बचाने में जुटे हेमंत सोरेन भी चुप
सिरफिरी आशिकी कहे या छोटी सोंच का उदाहरण कहे जिसका आज खामियाजा उस बिटिया को भुगतना पड़ा। लेकिन अफसोस की बात है कि जिस तरह से बिलकिस बानो के केस में आरोपियों को मिली जमानत पर सोशल मीडिया से सियासत तक भूचाल मचा हुआ था। परन्तु इस मामले में अभी तक उस खास समूह के द्वारा कोई भी बयान सामने नहीं आया है। झारखण्ड में अपनी सरकार बचाने में जुटे हेमंत सोरेन ने भी अभी तक कोई भी एक्शन का रिएक्शन नहीं दिखाया है।
अंकिता को न्याय दिलाने की मांग को लेकर
झारखंड के दुमका इलाके में पांच दिनों तक जिंदगी की जंग लड़ने के बाद सोमवार (29 अगस्त 2022) को अंकिता की मौत हो गई। उसने आज सुबह रांची के रिम्स में अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर दुमका में आते ही आक्रोशित लोगों ने सड़कों पर उतरकर अंकिता को न्याय दिलाने की मांग को लेकर दुमका टावर चौक जाम कर दिया। इस घटना के विरोध में जगह-जगह प्रदर्शन शुरू हो गए। लोग दुकानें बंद करने लगे। इससे इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है। एहतियात के तौर पर पूरे शहर में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। शहर में कर्फ्यू लागू है।
उसकी वजह से मर रहे हैं, उसके साथ भी ऐसा ही होना चाहिए
अंकिता ने अपनी मौत से पहले एक बयान दिया था, जिसमें वह कहती नजर आ रही है, ”मैं कमरे में अकेली सो रही थी, सुबह करीब 4 बजे उसने खिड़की से पेट्रोल डाला और आग बुझाकर भाग निकली.” छोटू शाहरुख के साथ था, मैंने खिड़की से देखा। उन्होंने कहा कि उनके मुंह को छोड़कर उनका पूरा शरीर जल गया था। अंत में अंकिता कहती है कि हम उसकी वजह से मर रहे हैं, उसके साथ भी ऐसा ही होना चाहिए। उसे कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
शाहरुख को अपनी हरकत पर पछतावा नहीं
इसी बीच अंकिता के कातिल शाहरुख़ का एक वीडियो भी सामने आया है। इस वीडियो में शाहरुख पुलिस कस्टडी में हंसते हुआ नजर आ रहा हैं। वीडियो देखकर ऐसा लगता है कि शाहरुख को अपनी हरकत पर पछतावा नहीं है। वह हथकड़ी लगाए हुए है और कुछ पुलिसकर्मियों से घिरा हुआ है।
आखिर इस मामले में चुप्पी क्यों साधे है ?
अब ऐसे में सवाल उठता है कि देश के जाने माने बुद्धिजीवियों के द्वारा जो बिलकिस बानो केस में ज्ञान परोस रहे थे। आखिर इस मामले में चुप्पी क्यों साधे है ? क्या हर बार केवल राजनीतिक व निजी हित को सर्व्वोपरी रखना ही उनका धर्म बन गया है ? खैर अधिकारीयों के द्वारा तो मामला फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में ले जाने को कहा जा रहा है। ताकि न्याय सही समय पर हो सके।