‘भारत में लोकतंत्र सांस के लिए हांफ रहा ‘: पी चिदंबरम
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि कांग्रेस ने राम मंदिर के शिलान्यास की वर्षगांठ पर जानबूझकर विरोध किया था
देश के पूर्व वित्तमंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने भारत के लोकतंत्र के लिए बड़ी बातें कही है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि देश का लोकतंत्र ” साँस के लिए हांफ रहा है “। क्योंकि वर्तमान समय में सभी संस्थानों पर कब्ज़ा कर लिया गया है।
अमित शाह के दावे को भी खारिज कर दिया
उन्होंने यह भी कहा कि राज्यसभा अध्यक्ष एम वेंकैया नायडू विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को पिछले सप्ताह सदन के सत्र के बीच में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा तलब किए जाने से बचाने में विफल रहे। कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने एक न्यूज एजेंसी को इंटरव्यू दिया जिसमें उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस दावे को भी खारिज कर दिया कि कांग्रेस ने जानबूझकर राम मंदिर की स्थापना की वर्षगांठ का विरोध किया था। उन्होंने साफ कहा कि यह तारीख हमारे दिमाग से बाहर है।
चर्चा करते समय इन बातों को अलग रखें
चिदंबरम ने कहा कि यह 5 अगस्त, 2019 था, जब जम्मू-कश्मीर को अवैध रूप से भंग कर दिया गया था। किसी गंभीर मुद्दे पर चर्चा करते समय इन्हें एक तरफ छोड़ दें। चिदंबरम ने कहा, ‘हमने घोषणा की थी और स्पष्ट किया था कि 5 अगस्त का विरोध विशेष रूप से अग्निपथ, बेरोजगारी व महंगाई पर था। अब अगर लोग घोषणा के प्रति बहरे और अंधे होने का दिखावा करते हैं, तो इसमें हम क्या कर सकते हैं?”
बहस में कोई दिलचस्पी ही नहीं
चिदंबरम ने कहा कि नेशनल हेराल्ड मामले में तलब किए गए नेता खुद का बचाव करने के लिए काफी मजबूत हैं और उन्हें पार्टी रैंक और फाइल का पूरा समर्थन है। पी चिदंबरम ने कहा, “मुद्रास्फीति समेत कई मुद्दों पर विपक्ष के विरोध के कारण संसद बार-बार स्थगित होने से संसद मानसून सत्र में कुछ खास नहीं कर पाई है। मैं दुखद निष्कर्ष पर आ रहा हूं कि संसद बेकार हो गई है.” । ट्रेजरी बेंच को चर्चा, बहस और बहस में कोई दिलचस्पी ही नहीं है।