# COAL SCAM : पूर्व कोयला सचिव व संयुक्त सचिव को कोर्ट ने सुनाई 3 साल की सजा !

सभी छह आरोपियों ने मिलकर वीएमपीएल के पक्ष में पश्चिम बंगाल में एक कैप्टिव कोल ब्लॉक मोइरा-मधुजोर को आवंटित करने के लिए आपराधिक साजिश रची थी

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने कोयला घोटाला मामले में पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता को तीन साल कैद की सजा सुनाई है। यह मामला नागपुर की एक निजी कंपनी को महाराष्ट्र कोयला ब्लॉक आवंटन में कथित अनियमितताओं से संबंधित है। इसके साथ ही कोर्ट ने कोयला मंत्रालय में पूर्व संयुक्त सचिव केएस क्रोफा को भी 2 साल कैद की सजा सुनाई है।

जेल की सजा के साथ 50 हज़ार का जुर्माना

इन दोनों को पिछले हफ्ते अदालत ने दोषी ठहराया था। कोर्ट ने इस मामले से जुड़ी एक निजी कंपनी के निदेशक मुकेश गुप्ता को भी 4 साल जेल की सजा के साथ 50 हज़ार का जुर्माना भी लगाया है। गुप्ता के अलावा पटियाला हाउस कोर्ट के विशेष सीबीआई न्यायाधीश भरत पाराशर ने भी कोयला मंत्रालय के पूर्व संयुक्त सचिव केएस क्रोफा और मंत्रालय के तत्कालीन निदेशक (सीए-1) केसी सामरिया को तीन साल के कारावास की सजा सुनाई।

प्रक्रिया के तहत जमानत पर रिहा

हालांकि गुप्ता, क्रोफा और समारिया को अदालत ने प्रक्रिया के तहत जमानत पर रिहा कर दिया। वहीं, विकास मेटल्स एंड पावर लिमिटेड (वीएमपीएल) के प्रबंध निदेशक विकास पाटनी और इसके अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता आनंद मलिक को चार साल कैद की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने VMPL पर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

आवंटित करने के लिए आपराधिक साजिश रची

अदालत ने कहा था कि सभी छह आरोपियों ने मिलकर वीएमपीएल के पक्ष में पश्चिम बंगाल में एक कैप्टिव कोल ब्लॉक मोइरा-मधुजोर को आवंटित करने के लिए आपराधिक साजिश रची थी। सीबीआई ने दोषियों के लिए सात साल की कैद की मांग की थी, जबकि दोषियों के वकील ने नरम सजा की मांग की थी।

20 से अधिक मामले अभी भी लंबित

कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले में सीबीआई की विशेष अदालत का यह छठा फैसला है। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच किए गए 20 से अधिक मामले अभी भी लंबित हैं।

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