LDA: एलडीए में बाराबंकी का भी हिस्सा शामिल होगा, प्रस्ताव को मिली मंजूरी !

लखनऊ विकास प्राधिकरण का दायरा बाराबंकी के नवाबगंज तक बढ़ा दिया गया है। एलडीए अध्यक्ष और मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब की अध्यक्षता में हुई बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई।

 लखनऊ विकास प्राधिकरण का दायरा बाराबंकी के नवाबगंज तक बढ़ा दिया गया है। एलडीए अध्यक्ष और मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब की अध्यक्षता में हुई बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई। एलडीए का 23 वर्षों में यह चौथा विस्तार है। अब 1050 गांव और 2984 वर्ग किलोमीटर की भूमि एलडीए महायोजना में शामिल हो गई है। बैठक में डीएम सूर्य पाल गंगवार, नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह भी मौजूद रहे।

इसके अलावा अब एलडीए की योजनाओं में एकमुश्त भुगतान करने वालों को पहले से अधिक लाभ मिलेगा। उनकी छूट को अब चार स्लैब में बनाया गया है। वहीं सुलतानपुर रोड पर एलडीए की दो नई टाउनशिप लेकर आएगा। मंगलवार को एलडीए की बोर्ड बैठक में कई प्रस्तावों पर मुहर लग गई। एलडीए क्षेत्र के विस्तार सहित कई प्रस्तावों को अब शासन को स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा।

तीन घंटे की बैठक के बाद मिली मंजूरी

प्राधिकरण सभागार में आयोजित एलडीए की 175वीं बोर्ड बैठक में मंडलायुक्त ने बताया कि समूचा मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र एलडीए के दायरे में आएगा। इसमें चिह्नित शहरी, ग्रामीण इलाके, नगरीय क्षेत्र, लीडा शामिल हैं। इसके अलावा बाराबंकी के कुर्सी, निपुरा और बंकी ब्लॉक, नगर पालिका नवाबगंज भी शामिल कर लिए गए हैं। अभी तक एलडीए के दायरे में 307 गांवों समेत कुल 1094 वर्ग किमी जमीन थी। अब दायरा करीब तीन गुना बढ़ाकर 2984 वर्ग किमी कर दिया गया है, जिसमें कुल 1050 गांव शामिल किए गए हैं। करीब तीन घंटे चली बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।

लखनऊ विकास प्राधिकरण के क्षेत्र में पहले 307 राजस्व गांव आते थे। अब लखनऊ के सरोजनीनगर, काकोरी, मलिहाबाद, बख्शी का तालाब, गोसाईंगंज , मोहनलालगंज विकास खंड के अलावा लखनऊ में यूपी सीडा व लीडा के साथ बाराबंकी के निंदुरा, देवा, बंकी विकास खंड के सभी क्षेत्रों के साथ बाराबंकी की नवाबगंज नगर पालिका परिषद के क्षेत्र भी लखनऊ विकास प्राधिकरण के क्षेत्र में शामिल हो जाएंगे।

 

इस विस्तार के बाद 1094 राजस्व गांव एलडीए में शामिल होंगे। एलडीए का वर्तमान 1050 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्रफल बढ़कर 2984 वर्ग किलोमीटर का हो जाएगा। एलडीए तीसरी बार अपना विस्तार करने जा रहा है। इससे पहले सन 1999 में पहली बार और 2014 में दूसरी बार लविप्रा का विस्तार हुआ था।

 

तकनीकी इंस्टीट्यूट, मेडिकल व हायर एजूकेशन के खुलेंगे संस्थान

लखनऊ विकास प्राधिकरण केंद्र सरकार की एजूकेशन सिटी के प्रोजेक्ट में शामिल होगा। मोहान रोड पर ओमैक्स से वापस ली गई अपनी करीब 600 एकड़ भूमि के एक बड़े हिस्से में वह एजूकेशन सिटी विकसित करेगा। यहां सभी तरह के तकनीकी इंस्टीट्यूट, मेडिकल व हायर एजूकेशन के संस्थान एक ही जगह पर खोले जाएंगे। केंद्र सरकार इस प्रोजेक्ट पर लगभग 800 करोड़ रुपये खर्च करेगी।

प्रदेश सरकार ने स्टांप डयूटी के अनुसार लगने वाली नामांतरण शुल्क में बदलाव कर लोगों को बड़ी राहत दी है। एलडीए शासन के इस आदेश को अब लागू करेगा। अब पांच लाख तक की स्टांप डयूटी पर नामांतरण शुल्क एक हजार रुपये, पांच से 10 लाख रुपये पर दो हजार, 10 से 15 लाख रुपये पर तीन हजार, 15 से 50 लाख रुपये पर पांच हजार और 50 लाख से अधिक की स्टांप ड्यूटी पर 10 हजार रुपये नामांतरण शुल्क लगेगा। पहले स्टांप ड्यूटी का एक प्रतिशत नामांतरण शुल्क लिया जाता था।

किस्तों पर आवास लेने पर राहत

एलडीए ने किस्तों पर अपना आवास लेने वालों को भी राहत दी है। अब एलडीए से अपना घर खरीदते समय स्ववित्त पोषित योजना के तहत 15 प्रतिशत की ब्याज दर को घटाकर 12 प्रतिशत लिया जाएगा। चक्रवृद्धि ब्याज की दर तीन प्रतिशत की जगह दो प्रतिशत होगी।

  • इनकी किस्त पर भी घटेगा ब्याज
  • संपत्ति ब्याज पहले अब (प्रतिशत )
  • ईडब्ल्यूएस 9 7
  • एलआइजी 10 8
  • एचआइजी/एमआइजी 11 9
  • कामर्शियल 13 11

एकमुश्त जमा करने पर अब चार विकल्प

लविप्रा की संपत्ति एकमुश्त भुगतान करने पर अब तक एक ही स्लैब था। संपत्ति के पंजीयन के समय आवंटी को उसकी लागत का 10 प्रतिशत जमा करना होता था, शेष 90 प्रतिशत का भुगतान 60 दिनों के भीतर जमा करने पर पांच प्रतिशत की छूट लविप्रा देता था। अब नए स्लैब इस तरह होंगे।

इतने दिनों में शेष 90 प्रतिशत जमा करने पर- छूट

  • 90 दिनों में -तीन प्रतिशत
  • 75 दिनों में -चार प्रतिशत
  • 60 दिनों में -पांच प्रतिशत
  • 45 दिनों में -छह प्रतिशत

कमर्शियल निर्माण पर फायर की एनओसी जरूरी

अब कमर्शियल निर्माण पर फायर की एनओसी जरूरी है। हालांकि इसमें यह नियम बनाया गया है कि वैसा निर्माण जहां लोगों का आना-जाना रहता है वहां बिना फायर एनओसी के निर्माण या संचालन नहीं हो सकता है। इसमें कोचिंग सेंटर, बारात घर, अतिथि गृह, रेस्टोरेंट शामिल है। अभी तक 15 मीटर से ऊपर या चार मंजिला से ऊपर के निर्माण पर ही फायर की एनओसी लेनी पड़ती थी, लेकिन अब एक मंजिला निर्माण पर भी एनओसी आवश्यक होगी।

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