इस फैसले को लेकर आरएसएस हुई एनडीए सरकार के ” विपक्ष “

सालाना बैठक से पहले साफ कर दिया है कि महिलाओं के लिए शादी की उम्र पर केंद्र की ओर से प्रस्तावित कानून पर उसका मतभेद है।

औरतों की शादी की उम्र को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ( NDA Government ) के साथ आरएसएस नहीं है। संघ ने अपने सबसे बड़े फैसले लेने वाले निकाय की सालाना बैठक से पहले साफ कर दिया है कि महिलाओं के लिए शादी की उम्र पर केंद्र की ओर से प्रस्तावित कानून पर उसका मतभेद है। उनकी निजी राय ​​है कि ऐसे मसलों को निर्णय लेने के लिए समाज पर छोड़ दिया जाना चाहिए।

शादी लायक उम्र के मसले पर फिलहाल चर्चा

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक वरिष्ठ नेता ने कहा की, “शादी लायक उम्र के मसले पर फिलहाल चर्चा चल रही है। कई मत हैं। आदिवासियों में या ग्रामीण क्षेत्रों में शादियां जल्दी हो जाती हैं। सरकार इसके पीछे तर्क देती है- (यह रोकता है) शिक्षा और (परिणामस्वरूप) जल्दी गर्भावस्था। पर सरकार भी इसे आगे बढ़ाने की जल्दी में नहीं दिख रही है। सवाल यह है कि सरकार को ऐसे मामलों में कितना दखल देना चाहिए। कुछ चीजें समाज पर छोड़ दी जानी चाहिए।”

कुछ सामाजिक संगठनों ने इसका विरोध

तो वहीं सूत्रों की मानें तो सभी की विवाह योग्य आयु को 18 वर्ष से कम करने के लिए सरकार के साथ भी राय साझा की गई थी। लेकिन कुछ सामाजिक संगठनों ने इसका विरोध किया। आपको बता दें कि दिसंबर 2021 में सरकार एक विधेयक लाई थी, जिसमें महिलाओं की शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करने का प्रावधान है। विपक्ष की आलोचना के बीच विधेयक को आगे की चर्चा के लिए संसदीय स्थायी समिति के पास भेजा गया था।

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