‘लखनऊ’: क्यों बढ़ी माफिया मुख्तार अंसारी की सजा, देखिए इस खबर को !
'उत्तर प्रदेश' (Uttar Pradesh) के 'बाहुबली मुख्तार अंसारी' (Bahubali Mukhtar Ansari) को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है।
‘उत्तर प्रदेश’ (Uttar Pradesh) के ‘बाहुबली मुख्तार अंसारी’ (Bahubali Mukhtar Ansari) को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है। इस दौरान यूपी में मुख्तार अंसारी को ‘जेलर को धमकाने’ (Bully The Jailer) के सिलसिले में उनके ऊपर ‘कार्यवाही’ (Proceeding) की गई थी। इस मामले में ‘दोषी करार’ (Convicted) साबित कर दिया है।
‘अंसारी’ को दोषी करार साबित किया
सूत्रों के मुताबिक कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को 7 साल के कारावास की सजा (Sentence of Imprisonment) सुनाई है। ऐसे में लखनऊ की हाईकोर्ट बेंच (High Court Bench) ने माफिया मुख्तार अंसारी को दोषी सिद्ध कर दिया है। ऐसे में यह मामला लखनऊ के आलमबाग (Alambagh of Lucknow) थाने में दर्ज किया गया था।
‘जान से मारने’ की दी धमकी
आपको बता दें कि, यह निर्णय न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने राज्य सरकार की अपील को मंजूर करते हुये पारित किया गया है। इस मामले में साल 2003 में तत्कालीन जेलर एस.के. अवस्थी (Jailor SK Awasthi) ने थाना आलमबाग में मुख्तार के खिलाफ FIR दर्ज (Register) की गई थी।
‘राज्य सरकार’ ने की अपील दाखिल
जांच के अनुसार जेल में मुख्तार अंसारी से मिलने आये लोगों की तलाशी लेने का आदेश पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी थी। हालांकि इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को पहले बरी कर दिया था। ऐसे में इसके बाद राज्य सरकार ने अपील दाखिल की थी। इस सिलसिले में मुख्तार अंसारी को कोर्ट ने दोषी करार में 7 साल की सजा सुनाई है। आपको बता दें कि माफिया मुख्तार अंसारी इस समय बांदा जेल में बंद हैं।
महत्वपूर्ण जानकारियां
- मुख्तार अंसारी को हाईकोर्ट ने सुनाई 7 साल की सज़ा।
- जेलर को धमकाने के मामले में सुनाई सज़ा।
- लखनऊ के तत्कालीन जेलर एस एन द्विवेदी ने दर्ज कराया था मामला।
- अदालत के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में की थी अपील।
- सरकार की अपील पर जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की बेंच ने सुनाई सज़ा।
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