यूपी 2022 : नतीजे कुछ भी हो ” मुनाफे की मलाई जनता ही खायेगी “
” चुनाव राग की लूट है, लूटा चहु तो लूट
किसको क्या मिल पाएगा, वोट डालकर भूल “
ये लाइने उत्तर प्रदेश के चुनाव ( election ) में बिलकुल सटीक बैठती है। इसका कारण ये है की जिस तरीके से सभी राजनीतिक पार्टियों के द्वारा मुफ्त योजनाओ की घोषणा अपने घोषणा पत्रों से की गयी है। उसको देखते हुए लगता है की उनकी सरकार बनते ही कुबेर का खजाना उनके हाँथ लग जायेगा।
कांग्रेस की ” मुफ्त घोषणा “
जी हाँ अगर बात यूपी में अपनी जमीन तलाशती कांग्रेस की करे तो उसने घोषणा पत्र में महिलाओं के लिए मुफ्त योजनाओं की बहार घोषित कर दी है। किसानों को बेटियों के लिए मुफ्त स्कूटी, लैपटॉप व स्मार्टफोन के साथ महिलाओं के लिए प्रदेश भर में मुफ्त यात्रा व साल में तीन रसोई गैस सिलेंडर देने का वादा किया है।
यही नहीं युवाओं को भी अपनी इस ” मुफ्त योजना ” में बराबर जोड़ा गया है। उनके लिए बाकायदा भर्ती विधान निकालकर प्रतियोगी परीक्षाओं के फॉर्म की फीस व परीक्षा देने की यात्रा निशुल्क करने का भरोसा दिया गया है।
साइकिल की ” फ्री सवारी “
इस ” मुफ्त योजना ” वाली दौड़ में साइकिल भी बराबर रफ़्तार भर रही है। अपने घोषणा पत्र में सपा ने जहाँ किसानों को सिंचाई व प्रदेश भर में 300 यूनिट मुफ्त बिजली, व्याज मुक्त लोन व साल 2025 तक कर्ज मुक्त करने का वादा किया है।
तो वही महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में 33 फीसदी आरक्षण के साथ सूबे की बसों में मुफ्त यात्रा करवाने का वादा किया है। तो वहीं युवाओं को रिझाने के लिए लैपटॉप वितरण के साथ पुलिस विभाग में सभी भर्तियां सरकार बनते ही करने का वादा किया है।
भाजपा का मुफ्त योजनाओं का एक पुलिंदा तैयार
अब इतना मुफ्त का जलजला बह ही रहा है तो आखिर सत्ताधारी बीजेपी कैसे चूक सकती है भला ? उसने भी समय की नज़ाकत को समझते हुए मुफ्त योजनाओं का एक पुलिंदा अपने घोषणा पत्र में शामिल कर लिया।
किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली देने का वादा तो किया ही साथ ही जो महिलाएं 60 वर्ष से ऊपर है उनको सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा करवाने का भरोसा भी दिया है। तो वहीं युवाओं को एनडीए, यूपीएससी व जेईई जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की मुफ्त कोचिंग देने का भी भरोसा दे डाला।
मुफ्त योजनाओं का जनक ” आप “
वैसे अगर देखा जाए तो इन मुफ्त योजनाओं का जनक हम आम आदमी पार्टी को कह सकते है। क्योंकि जिस तरीके से आप ने यूपी की सियासत में एंट्री मारते ही धुआंधार तरीके से मुफ्त योजनाओं का धड़ाधड़ एलान किया था। उसके बाद से ही सभी पार्टियों ने अपने पॉलिटिकल मुद्दों में ” फ्री वाली योजनाओं ” को जनता के सामने रखना शुरू किया था।
खैर जो भी हो इस ” मुफ्त स्कीम ” योजनाओं से एक बात तो खुलकर सामने आ गई की चुनाव का परिणाम चाहे जो भी हो अंत में मुनाफे की मलाई जनता ही खायेगी। ये तो तय है।