रेडियोथेरेपी विभाग में शुरू हुई दस शैय्यायुक्त ‘PALLIATIVE WARD ‘

डीन मेडिसिन प्रो उमा सिंह ने बताया कि उनका विभाग विभिन्न विभागों के साथ मिलकर कैंसर रोगियों में palliative care की सुविधा उपलब्ध करा रहा

PALLIATIVE CARE रोगी के अंतिम क्षणों में दी जाने वाली विशिष्ट चिकित्सा है। इसमें कई विभागों ( Departments ) का आपसी सामंजस्य अत्यधिक महत्वपूर्ण है। अंत काल में रोगी को शारीरिक, मानसिक, दार्शनिक एवं आध्यात्मिक चिकित्सा की आवश्यकता रहती है। ऐसे रोगियों एवं उनके तीमारदारों के प्रति चिकित्सकों एवं कर्मचारियों का व्यवहार उदार एवं करुणापूर्ण होना चाहिए।

पूरा परिवार इस समय कठिन दौर से गुजरता है। हम सभी का धर्म है कि इन पलों में हम उस परिवार के कष्ट जितना कम हो सकते हों, उसके लिये प्रयास करें। ये समस्त बातें कुलपति KGMU लेफ्टिनेंट जनरल डॉ बिपिन पुरी ने आज रेडियोथेरेपी विभाग में दस शैय्यायुक्त palliative ward के उद्धघाटन के दौरान कही।

रेडियोथेरेपी विभागाध्यक्ष प्रो एम एल बी भट्ट ने विभाग द्वारा प्रदत्त palliative care के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पूर्ण भारतवर्ष में मात्र केरल ही ऐसा राज्य है जहां यह पद्धति सर्वाधिक विकसित है। उत्तर प्रदेश में अभी इस पर बहुत कार्य करने की आवश्यकता है।

डीन मेडिसिन प्रो उमा सिंह ने बताया कि उनका विभाग विभिन्न विभागों के साथ मिलकर कैंसर रोगियों में palliative care की सुविधा उपलब्ध करा रहा है।

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रो एस एन शंखवार ने कहा कि KGMU में अधिकांश रोगी कैंसर की वृहद अवस्था मे आते हैं। गरीब रोगियों को असाध्य योजना में पंजीकृत कर चिकित्सा सेवा प्रदान की जा रही है, इसमें palliative care भी सम्मिलित है।

कार्यक्रम का संचालन प्रो सीमा गुप्ता एवं डॉ सुधीर सिंह द्वारा किया गया। कार्यक्रम में प्रो अरुण चतुर्वेदी, प्रो ऐ के त्रिपाठी, प्रो क्षितिज श्रीवास्तव, डॉ राजेन्द्र कुमार, रेडियोथेरेपी संकाय सदस्यों एवं कैंसर के उपचार में सम्मिलित अन्य विभाग के संकाय सदस्यों द्वारा भाग लिया गया।

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