Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को जारी किया नोटिस, ED निदेशक के कार्यकाल विस्तार पर सवाल !

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ED और CBI के प्रमुखों के कार्यकाल को पांच साल तक बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेशों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा।

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को ED (Enforcement Directorate) और CBI (Central Bureau of Investigation) के प्रमुखों के कार्यकाल को पांच साल तक बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेशों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा। मामले में सुप्रीम कोर्ट 10 दिन बाद सुनवाई करेगी।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से मांगा जवाब !

सुप्रीम कोर्ट ने 2 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय (ED) के निदेशक संजय कुमार मिश्रा को दिए गए कार्यकाल को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सरकार से जवाब मांगा।भारत के मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमना की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष पेश हुए याचिकाकर्ताओं ने पिछले साल नवंबर में एक अध्यादेश की घोषणा के माध्यम से केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम (Central Vigilance Commission Act) में किए गए संशोधनों की वैधता पर सवाल उठाया है। यह अध्यादेश, ED निदेशक के लिए पांच साल तक के विस्तार की अनुमति देता है।

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कई नेताओं द्वारा लगाए गए थे आरोप !

आपको बता दें कि कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेताओं मोहुआ मोइत्रा और साकेत गोखले द्वारा दायर याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि ED निदेशक संजय कुमार मिश्रा, एक भारतीय राजस्व सेवा (IRS) अधिकारी को विस्तार प्रदान करने के लिए संशोधन लाए गए हैं। जिन्हें शुरू में, नवंबर 2018 में एक निश्चित दो साल के कार्यकाल के लिए नियुक्त किया गया था। हालांकि, केंद्र ने उन्हें नवंबर 2021 तक एक साल का विस्तार दिया, जिसे NGO कॉमन कॉज द्वारा सुप्रीम कोर्ट के समक्ष चुनौती दी गई थी।

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PMLA और FEMA के तहत भी ED करती है जांच !

रणदीप सिंह सुरजेवाला की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत को बताया कि ED (Enforcement Directorate) न केवल धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत बल्कि विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के तहत भी अपराध की जांच करता है। उन्होंने आगे बताया कि CBI निदेशक की नियुक्ति के विपरीत, CBI अधिनियम की धारा 25 के तहत ED (Enforcement Directorate) निदेशक का चयन मुख्य सतर्कता आयुक्त, सतर्कता आयुक्तों और नौकरशाहों की अध्यक्षता वाली एक समिति द्वारा किया जाता है। उन्होंने आगे कहा, “यह एक महत्वपूर्ण सवाल है कि ED (Enforcement Directorate) निदेशक की नियुक्ति कौन करता है क्योंकि सभी प्रतिनिधि कार्यकारी से हैं।”

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केंद्र ने क्या दिया तर्क ?

केंद्र ने कॉमन कॉज NGO द्वारा दाखिल की गयी याचिका के खिलाफ संजय कुमार मिश्रा को दिए गए विस्तार का बचाव किया, और कहा कि सीमा पार अपराधों में कुछ लंबित जांचों के लिए उनकी निरंतरता महत्वपूर्ण थी, इसी कारण उन्हें सेवा विस्तार दिया गया।

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