SCAM: खून के अवैध कारोबार में लिप्त तीन ब्लड बैंकों के लाइसेंस रद्द !

लखनऊ Food and Drug Administration Department (एफएसडीए) ने मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वाले तीन ब्लड बैंक पर शिकंजा कसा है।

लखनऊ Food and Drug Administration Department (एफएसडीए) ने मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वाले तीन ब्लड बैंक पर शिकंजा कसा है। खून के अवैध कारोबार में लिप्त तीनों ब्लड बैंकों का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। यहां खून के अवैध कारोबार का खुलासा हुआ था।

रिपोर्ट में हुए कई खुलासे

लखनऊ के ब्लड बैंकों में खून का काला कारोबार जानलेवा है। इस बात पर खाद्य एवं औषधि प्रशासन की जांच रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। मेडलाइफ चैरिटेबल ब्लड बैंक, नारायणी ब्लड बैंक और मानव चेरिटेबिल ब्लड बैंकों ने खून के रख रखाव के दौरान मानक अनुरूप तापमान का पालन नहीं करने का आरोप लगा था। जांच में ब्लड बैंकों द्वारा मुहैया कराएं जाने वाला खून मानव इस्तेमाल के लिए सुरक्षित और अनुकूल नहीं पाया गया। जांच के बाद सहायक आयुक्त औषधि लखनऊ मंडल बृजेश कुमार ने ब्लड बैंक संचालकों, मेडिकल अफसरों के विरुद्ध सक्षम न्यायालय में मुकदमा दर्ज कराए जाने के निर्देश जारी किए थे।

राजस्थान व जयपुर से खून लाकर किया जा रहा था कारोबार

29 व 30 जून को एसटीएफ और एफएसडीए की संयुक्त टीम ने राजधानी के तीन ब्लड बैंकों में छापेमारी की थी। इसमें ठाकुगंज स्थित मेडलाइफ चैरिटेबल ब्लड बैंक, कृष्णानगर स्थित मेसर्स नारायणी चैरीटेबल ब्लड बैंक सेंटर व कृष्णानगर इंद्रलोक मार्केट स्थित मानव चैरिटेबल ब्लड एंड कम्पोनेंट सेंटर में छापेमारी की थी। राजस्थान व जयपुर से खून लाकर कारोबार किया जा रहा था। यह खून मानक के अनुसार नहीं लाया जा रहा था। छापेमारी के दौरान खून की गुणवत्ता परखने के लिए नमूने जांच के लिए भेजे गए थे। जांच रिपोर्ट में खून मानक के अनुरूप नहीं मिला था। छापेमारी के दौरान ब्लड बैंकों में अनियमितताएं मिली थीं। ब्लड बैंकों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया था। एफएसडीए के सहायक आयुक्त ब्रजेश कुमार ने बताया कि किसी भी ब्लड बैंक ने नोटिस का जवाब नहीं दिया था।

सहायक आयुक्त ब्रजेश कुमार के मुताबिक ब्लड बैंकों में ढेरों कमियां मिली थीं। उन्होंने बताया कि मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले तीनों ब्लड बैंकों का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है। 11 अभियक्तों के खिलाफ ठाकुरगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया। दोषी फर्मों व्यक्तियों के खिलाफ कोर्ट में वाद दाखिल किया जाएगा।

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