#’भारत’ ने चीन पर किया पलटवार, श्रीलंका की स्वतंत्रता पर जताई आपत्ति !

श्रीलंका के आंतरिक मामलों (Sri Lanka's internal affairs) में हस्तक्षेप करने के पीछे चीन के आरोप पर 'भारत' ने 'शनिवार' को निशाना साधते हुए कहा है कि, 'कोलंबो' को अब सहयोग की आवश्यकता है या नहीं।

श्रीलंका के आंतरिक मामलों (Sri Lanka’s internal affairs) में हस्तक्षेप करने के पीछे चीन के आरोप पर ‘भारत’ (India) ने ‘शनिवार’ (Saturday) को निशाना साधते हुए कहा है कि, ‘कोलंबो’ (Colombo) को अब सहयोग की आवश्यकता है या नहीं। ऐसे में किसी अन्य देश के ‘एजेंडा’ (Agenda) को पूरा करने के लिए ‘अवांछित दबाव या अनावश्यक विवादों’ (Unwanted Pressure or unnecessary disputes) की जरूरत है।

भारत ने चीन पर किया ‘पलटवार’ 

बता दें कि श्रीलंका के आंतरिक मामलों में दखल के चीन (China) के आरोप पर भारत (India) ने शनिवार को पलटवार किया है। ऐसे में भारत ने चीन से कहा है कि, कोलंबो (Colombo) को सहयोग की जरूरत है, न कि किसी अन्य देश के एजेंडा (Agenda) को पूरा करने के लिए ‘अनावश्यक दबाव’ (Unwanted Pressure) या अनावश्यक विवादों की आवश्यकता है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक ‘भारत’ ने ‘चीन’ के ‘आक्षेप’ (Objection) को खारिज (Rejected) कर दिया है। बता दें कि ‘नई दिल्ली’ में ‘कोलंबो’ पर ‘चीनी रिसर्च शिप’ (Chinese research ship) के ‘श्रीलंकाई बंदरगाह हंबनटोटा’ (Sri Lankan port Hambantota) की यात्रा के वरोध किया था।

श्रीलंका की स्वतंत्रता किया हस्तक्षेप

हाल ही में चीन के ‘बैलिस्टिक मिसाइल’ और उपग्रह निगरानी पोत ‘युआन वांग 5’ (yuan wang 5) ने हंबनटोटा बंदरगाह पर विरोध किया था। इस सिलसिले में भारत ने आपत्ति जताई थी। ऐसे में भारत की आपत्ति पर श्रीलंका का कहना है कि, राजदूत की झेनहोंग (ambassador ki zhenhong) ने शुक्रवार को बिना किसी साक्ष्य के सुरक्षा चिंताओं पर आधारित ‘बाहरी अवरोध’ श्रीलंका की स्वतंत्रता पर पूरी तरह से हस्तक्षेप किया है। 

सूत्रों के मुताबिक आस्ट्रेलिया के पूर्व ‘प्रधानमंत्री केविन रूड’ ने शनिवार को कहा है कि, ‘हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन के तेजी से बढ़ते आक्रामक रवैये (aggressive attitude) से ‘वास्तविक नियंत्रण रेखा’ (Line of Actual Control) पर भारत के साथ सैन्य गतिरोध की संभावना काफी बढ़ती हुई दिखाई दे रही है।’

 

 

 

 

 

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