कांग्रेस की ‘गुलामी’ से ‘आजाद’ हुए ‘नबी’ के जानिए पांच मुख्य कारण !
18 महीने पहले कहा था कि “मैं अपने स्कूल के दिनों से कांग्रेस, गांधी और नेहरू के बारे में पढ़ता था, मैं मरते दम तक कांग्रेस नहीं छोड़ूंगा
आज का शुक्रवार कांग्रेस पार्टी के लिए शुक्र लेकर नहीं आया। वजह करीब पचास सालों से पार्टी से जुड़े वरिष्ठ नेता गुनब नबी आजाद का पार्टी से अलग होने का निर्णय।
पांच पन्नों के इस्तीफे से जुड़े पांच वजहों का जिक्र
आज से करीब 18 महीने पहले उन्होंने कहा था कि “मैं अपने स्कूल के दिनों से कांग्रेस, गांधी और नेहरू के बारे में पढ़ता था। मैं मरते दम तक कांग्रेस नहीं छोड़ूंगा। इस सबके बाद कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से उन्होंने इस्तीफा दे दिया। आज हम आपको उनके द्वारा दिए गए पांच पन्नों के इस्तीफे से जुड़े पांच वजहों का जिक्र करेंगे। आखिर आजाद ने कांग्रेस के साथ पांच दशक के जुड़ाव को समाप्त क्यों कर दिया ? त्याग पत्र में आजाद ने सोनिया, राहुल, कांग्रेस और पार्टी के भविष्य पर विस्तार से भी लिखा है। तो आईये जानते है वो पांच वजह :
1 – राहुल गाँधी से मनमुटाव
2014 के लोकसभा चुनाव में हार व कांग्रेस कि ख़राब स्तिथि के लिए राहुल गाँधी को उन्होंने जिम्मेदार ठहराया है। अपने पत्र में लिखा है कि ‘ ‘राहुल की अपरिपक्वता का सबसे बड़ा उदाहरण राहुल गांधी ने मीडिया के सामने अध्यादेश को फाड़ दिया। इस बचकाने व्यवहार ने सत्ता को पूरी तरह से नष्ट कर दिया। उन्होंने आगे कहा कि पार्टी को रिमोट कंट्रोल से चलाया जा रहा है। पार्टी के फैसले भी राहुल गांधी के सुरक्षाकर्मी और पीए ले रहे हैं।
2 – सोनिया गाँधी के नेतृत्व की सराहना
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व की सराहना करते हुए आजाद ने अपने त्याग पत्र में लिखा, “कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में, आपने निस्संदेह यूपीए -1 और यूपीए -2 के गठन में एक अद्भुत काम किया। उस सफलता का सबसे बड़ा कारण यह था कि अध्यक्ष के रूप में आपने कार्य किया। बुद्धिमान सलाहकारों और वरिष्ठ नेताओं के निर्णय माने। साथ ही उन पर भरोसा किया। उन्हें सशक्त बनाते हुए उनकी देखभाल की।
3 – पार्टी की नई नीतियों से खफा
कांग्रेस पार्टी की दुर्दशा के बारे में बताते हुए आजाद ने लिखा, “पार्टी की कमजोरी को इंगित करने के लिए पत्र लिखने वाले 23 नेताओं को गाली दी गई । उन्हें अपमानित किया गया। कांग्रेस बिना किसी वापसी के एक बिंदु पर पहुंच गई है। आगे लिखते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस में हालात अब ऐसी स्थिति पर पहुंच गए है, जहां से वापस नहीं आया जा सकता।
4 – खुद का कद छोटा होता पाया
पार्टी में अपनी भूमिका को लेकर भी गुलाम नबी आजाद नाराज दिखाई दे रहे थे। पार्टी का शीर्ष नेतृत्व उनकी बात नहीं सुनता था। अगर वो किसी बात को लेकर अपनी राय रखते थे तो वो भी अनसुनी कर दी जाती थी। सूत्रों के अनुसार इस सभी मुद्दों को लेकर भी गुलाम नाजाज चल रहे थे।
5 – गुलाम नबी का कश्मीर प्रेम
हाल ही के उनके बयानों पर अगर नज़र डालें तो उनका कश्मीर प्रेम भी पार्टी से इस इस्तीफे कि वजह मानी जा रही है। कहा यह भी जा रहा है कश्मीर में हाल ही में विधानसभा चुनाव होने वाले है। जिसको लेकर भी उन्होंने मौके कि नज़ाकत को समझा और पार्टी से अलग होने का निर्णय लिया। तो वही अभी मिली जानकारी के अनुसार जम्मे कश्मीर में कांग्रेस के पांच अन्य नेताओं ने भी अपना इस्तीफा सौंप दिया है।