ED Raid : इतने पैसे जब्त करने के बाद क्या करती है ED

आंकड़े के हिसाब से ED ने पिछले 4 सालों में 60 हजार करोड़ से ज्यादा रुपये और गहने रेड के दौरान जब्त किए हैं

ममता सरकार में शिक्षा भर्ती घोटाले में ED की छापेमारी(ED Raid) के बाद लगातार नए खुलासे हो रहे है. घोटाले में गिरफ्तार पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. ED की जाँच में लगातार इस घोटाले की परते खुलते हुए नजर आ रही है। अब तक अर्पिता के दो ठिकानों पर हुई छापेमारी(ED Raid) में 50 करोड़ से ज्यादा की रकम मिल चुकी है.

शुरुआत में ईडी ने अर्पिता के घर से 20 करोड़ रुपए कैश बरामद किए थे. इसके बाद दूसरे फ्लैट पर दी गई दबिश के दौरान भी 30 करोड़ नकद और 3 किलो सोना मिला था. जिसके बाद अर्पिता मुखर्जी को ED गिरफ्तार भी कर चुकी है।

लेकिन आज हम अर्पिता मुखर्जी की नहीं बल्कि ED की बात करेंगे की आखिर इतना कॅश इतनी प्रॉपर्टी जमा करने का बाद ED इस प्रॉपर्टी का क्या करती है।

सबसे पहले बात करते है की आखिर ED को किसी की भी प्रॉपर्टी जब्त करने का अधिकार कहाँ से मिलता है। दरअसल PMLA यानि प्रिवेंश ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 के तहत (ED) को संपत्ति जब्त करने का अधिकार होता है.

क्या क्या जब्त करता है ED –

छापे में कई चीजें बरामद हो सकती हैं. जिसमें भारी भरकम कैश, सोना-चांदी, दस्तावेज और अन्य कीमती सामान शामिल होते हैं. ED की रेड के दौरान जब्त की गई चीजों जैसे- कैश, गहने और प्रॉपर्टी का पंचनामा तैयार किया जाता है. इसमें सामान जब्त होने वाले व्यक्ति और अन्य दो गवाहों के हस्ताक्षर होते हैं.

जब्त कैश का क्या होता है ?

जब्त किए गए कैश का पंचनामा बनाया जाता है. ईडी या आयकर विभाग एक-एक रुपये का हिसाब रखता है. नोटों के हिसाब से गड्डियां बनाता है. कितने 200, 500 और अन्य नोट हैं. नोटों पर अगर किसी तरह के निशान मिलते हैं तो या फिर उनमें कुछ लिखा होता है या फिर लिफाफे में हों तो उसे एजेंसियां अपने पास रख लेती हैं. इनका इस्तेमाल सबूत के तौर पर किया जाता है. बाकि बैंकों में जमा कर दिया जाता है. ED-IT इन नोटों को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया या फिर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में केंद्र सरकार के खाते में जमा कर दिया जाता है .हालांकि कुछ मामलों में जांच एजेंसियां कुछ पैसा इंटरनल ऑर्डर से केस की सुनवाई पूरी होने तक अपने पास जमा रखती हैं.

जब्त प्रॉपर्टी का क्या होता है ?

ED प्रॉपर्टी को अटैच करके उस पर बोर्ड लगाकर उसकी खरीद-बिक्री पर रोक लगा देती है. वहीं कई मामलों ऐसे भी होते है जहां जब्त COMMERCIAL प्रॉपर्टी में इस्तेमाल की छूट मिल सकती है. ED को 6 महीने के भीतर प्रॉपर्टी की जब्ती साबित करनी होती है जिसके बाद कोर्ट में जब्ती साबित होने पर वो प्रॉपर्टी सरकारी हो जाती है.

जब्त किए गए गहनो क्या करती है ED –

ED अगर रेड(ED Raid ) के दौरान सोने-चांदी के कीमती गहने बरामद करती है, उसे सरकारी भंडारघर में जमा कर दिया जाता है. साथ ही रेड के दौरान मिले कैश को भी सुरक्षित भंडारघर में रखा जाता है. कई मामलों में जब्त संपत्तियां सालों तक यूहीं पड़ी रहती है और खराब होने लगती है, क्योंकि कई मामलों में फैसला नहीं हो पाता है.

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 कोर्ट क्या करवाई करता है – ‘

ED के सामान जब्त(ED Raid )करने के बाद मामला कोर्ट जाता है. अगर कोर्ट में ED की कार्रवाई सही पाई जाती है, तो सारी संपत्ति पर सरकार का अधिकार हो जाता है. लेकिन अगर कोर्ट में ED की कार्रवाई सही साबित नहीं होती है, तो सारा सामान उस व्यक्ति को वापस लौटा दिया जाता है. और ये तभी होता है जब जिस व्यक्ति के पास से सामान बरामद हुआ है वो उसे लीगल साबित करने के सभी सबूत अदालत में पेश कर दे. वहीँ कोर्ट सभी मामलों में ये निर्णय नहीं लेती है कुछ मामलों में कोर्ट संपत्ति पर कुछ फाइन लगाकर उसे संपत्ति लौटाने का अवसर भी देती।

गौरतलब है की एक आंकड़े के हिसाब से ED ने पिछले 4 सालों में 60 हजार करोड़ से ज्यादा रुपये और गहने रेड के दौरान जब्त किए हैं, वहीँ प्रॉपर्टी और पैसों पर रेड मरने का अधिकार सिर्फ प्रवर्तन निदेशालय के पास ही नहीं बल्कि आयकर विभाग या चुनाव आयोग के पास भी होता है।

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