लखनऊ जू के एक टाइगर की मौ@त की वजह बना कैंसर !
लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान में नर बाघ किशन की कैंसर से मौत हो गई। अधिकारियों ने कहा
लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान में नर बाघ किशन की कैंसर से मौत हो गई। अधिकारियों ने कहा कि किशन की शुक्रवार सुबह मौत हो गई। लखनऊ जूलॉजिकल पार्क में प्रारंभिक जांच से पता चला कि किशन को हेमांजिओसारकोमा था, जो उसके कान और मुंह के पास फैल गया था।
किशन को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गयी
नर बाघ किशन को 1 मार्च 2009 को किशनपुर टाइगर रिजर्व से बचाया गया था और 13 साल पहले दुधवा नेशनल पार्क के आसपास मानव आबादी के लिए खतरा बनने के बाद चिड़ियाघर लाया गया था। बता दें 2008 के बाद से किशन को पकड़ने में कई महीने लग गए चिड़ियाघर के निदेशक वीके मिश्रा ने कहा कि कर्मचारियों ने किशन को भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
किशन ने आखिरी दिनों में खाना बंद कर दिया था
बाघ किशन की बीमारी की गंभीरता ने उसे जंगली जानवरों का शिकार करने की शक्ति से वंचित कर दिया और उसे आदमखोर बना दिया। चिड़ियाघर प्राधिकरण ने कहा कि किशन ने अपने आखिरी दिनों में खाना बंद कर दिया था और यहां तक कि अपनी सामान्य गतिविधियों को भी प्रतिबंधित कर दिया था। जिसके बाद अब ज़ू में रह रही एक और बाघ जिसका नाम कजरी है वह भी बूढी हुए नाजुक हो चुकी है।और हालांकि वह सामान्य रूप से खाना खा रही है लेकिन उसके स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही है। फिलहाल उसे ठंड से बचाने के लिए हीटर की व्यवस्था की गई है।
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