पंक्षी नदियां पवन के झोके… कोई सरहद न इन्हें रोके! बिहार पहुंचा साइबेरियन पक्षियों का झुंड

पंक्षी नदियां पवन के झोके... कोई सरहद न इन्हें रोके! यह गान बिलकुल सही बैठता है जब ठंड शुरू हो जाता और  विभिन्न जलाशयों में प्रवासी पक्षियों का आना शुरू हो जाता है।

न्यूज़ डेस्क:   पंक्षी नदियां पवन के झोके…कोई सरहद न इन्हें रोके! यह गान बिलकुल सही बैठता है जब ठंड शुरू हो जाता और  विभिन्न जलाशयों में प्रवासी पक्षियों का आना शुरू हो जाता है। ये साइबेरियन पक्षी होते हैं। भारत-नेपाल सीमा पर स्थित गंडक बराज में एक बार फिर विदेशी पक्षियों की चहचहाहट गूंजने लगी है। जलाशयों में इन प्रवासी पक्षियों का डुबकी लगाना सबका ध्यान अपनी ओर खींचता है । साइबेरियन पक्षी ठंड से बचाव व आहार की तलाश में हजारों किलोमीटर दूर से यहां आते हैं।

यूरोप और अमेरिका से आते है

दरअसल, ये पक्षी साइबेरिया, यूरोप और अमेरिका से यहां आते हैं। वहां ज्यादा ठंड और बर्फ जमने के कारण उनके लिए भोजन में कमी हो जाती है। इस कारण यूरोप मध्य एशिया से पक्षियों की यह प्रजाति दक्षिण एशिया के देशों में प्रवास पर जाते हैं। हर वर्ष सर्दियों में साइबेरियन पक्षियों का झुंड, हजारों मील का सफर तय कर बिहार के पश्चिम चम्पारण जिला स्थित वाल्मिकी टाइगर रिजर्व और सरैयामन पक्षी विहार का रुख करता है। ऐसे में इनकी हिफाजत हेतु वन विभाग भी अपनी भूमिका बखूबी निभाता है। गौर करने वाली बात यह है कि सर्दियों के बीतते ही ये शानदार जीव अपने देश वापस लौट जाते हैं।

अक्टूबर माह में इनका आना शुरू हो जाता

बता दें कि अक्टूबर माह में इनका आना शुरू हो जाता है, जो नवंबर के अंतिम सप्ताह तक चलता है। इसके बाद यह पक्षी मार्च तक यहां रहते हैं। बसंत पंचमी के बाद यहां से इनका पलायन होने लगता है। प्रवास पर आने वाले ज्यादातर पक्षी अपने जोड़े के साथ आते हैं। शीतकाल में यहां पर वंश की वृद्धि कर मार्च में पुनः अपने परिवार के साथ वापस लौट जाते हैं।

 

मुख्य आहार नदी की मछलियां

यहां इन परिंदों का मुख्य आहार नदी की मछलियां, जलीय जीव एवं आसपास के खेतों में लगे अनाज होते हैं। साइबेरिया में भीषण ठंड के कारण वहां इन परिंदों के सामने भोजन का संकट उत्पन्न हो जाता है। ऐसे में इन पक्षियों का रुख गर्म प्रदेशों की ओर हो जाता है। यहां आने वाले साइबेरियन पक्षियों में लालसर, दिघवच, डमर, केशराज,अमैठा, गैरी इत्यादि शामिल हैं।

Published By: Neha Rajput

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button