PM मोदी के दौरे से पहले सरना धर्म कोड को लेकर आदिवासी कार्यकर्ताओं ने की आत्मदाह करने की कोशिश

राज्य स्थापना दिवस पर आदिवासी कार्यकर्ता सरना धर्म कोड लागू करने को लेकर करेंगे प्रदर्शन।

रांची: राज्य स्थापना दिवस और जनजातीय गौरव दिवस के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा के जन्मस्थली पहुंचेंगे और इसके बाद जनसभा को संबोधित करेंगे। इसी बीच आदिवासी कार्यकर्ता झारखंड स्थापना दिवस पर सरना धर्म कोड लागू करने को लेकर प्रदर्शन करेंगे।

कई लोग हुए गिरफ्तार

आदिवासी कार्यकर्ताओं ने सरना धर्म को लागू न होने पर आत्मदाह करने की धमकी दी थी ।इस मामले को गंभीरता से देखते हुए झारखंड पुलिस ने जगह-जगह सभी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गए लोगों में चंद्र मोहन माली पृथ्वी मुर्मू कानू राम तो दो शामिल है।

उपवास पर रहेंगे

पूरे मामले में आदिवासी सेंगल अभियान के अध्यक्ष शाहरुख खान मुर्मू ने कहा कि हम अपनी मांग  को लेकर 15 नवंबर की सुबह 10:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक उपवास पर रहेंगे।

सरना धर्मकोड जानें क्या है

सरना धर्मकोड की मांग का मतलब यह है कि भारत में होने वाली जनगणना के दौरान प्रत्येक व्यक्ति के लिए जो फॉर्म भरा जाता है। उसमें दूसरे सभी धर्मों की तरह आदिवासियों के धर्म का जिक्र करने के लिए अलग से एक कॉलम बनाया जाए। जिस तरह हिंदू, मुस्लिम, क्रिश्चयन, जैन, सिख और बौद्ध धर्म के लोग अपने धर्म का उल्लेख जनगणना के फॉर्म में करते हैं, उसी तरह आदिवासी भी अपने सरना धर्म का उल्लेख कर सकें ।

झारखंड विधानसभा ने 11 नवंबर 2020 को ही विशेष सत्र में आदिवासियों के सरना धर्म कोड को लागू करने की मांग का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया था। यह प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था, लेकिन इसपर अब तक निर्णय नहीं हुआ है।

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