अयोध्या के 14 गांवों में सेना की जमीन पर निर्माण को लेकर उठे सवाल, लखनऊ हाईकोर्ट ने सेना से मांगा जवाब
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने अयोध्या में सेना के अभ्यास क्षेत्र से सटे 14 गांवों में निर्माण की अनुमति को लेकर जवाब मांगा है।
साथ ही, अयोध्या विकास प्राधिकरण के सचिव को भी निर्देश दिया गया, कि वे अदालत में उपस्थित होकर यह स्पष्ट करें कि क्या इन गांवों में नक्शे की अनुमति दी जा सकती है। इसके लिए सेना से NOC लेने की आवश्यकता होगी या नहीं? इस मामले में अगली सुनवाई 30 सितंबर को होगी।
सुओ मोटो जनहित याचिका पर कोर्ट का निर्णय
13391 एकड़ जमीन सेना की रायफल रेंज के लिए संरक्षित
यह भूमि कैंट क्षेत्र के कई गांवों में फैली हुई है। जिलाधिकारी अयोध्या द्वारा 19 फरवरी 2024 को सेना के अधिकारियों को इस संबंध में पत्र भेजा गया था। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए यह सुनिश्चित करने के लिए सेना के एक अधिकारी को बुलाया है, जो सुनवाई में मदद कर सके।
14 गांवों की 13 हजार एकड़ जमीन सेना के पास, जिस पर बिल्डरों की नजरें
इन गांवों की कुल 13,391 एकड़ जमीन को अगस्त 2020 से जुलाई 2025 तक सेना की फील्ड फायरिंग और आर्टिलरी प्रैक्टिस एक्ट 1938 के तहत नोटिफाई किया गया था। सेना के बफर-जोन में आने वाले अयोध्या के 14 गांवों में से एक माझा जमथरा भी है। यहां की 2,211 एकड़ जमीन को अब शासन ने डी-नोटिफाई कर दिया है।