अयोध्या के 14 गांवों में सेना की जमीन पर निर्माण को लेकर उठे सवाल, लखनऊ हाईकोर्ट ने सेना से मांगा जवाब

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने अयोध्या में सेना के अभ्यास क्षेत्र से सटे 14 गांवों में निर्माण की अनुमति को लेकर जवाब मांगा है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने अयोध्या में सेना के अभ्यास क्षेत्र से सटे 14 गांवों में निर्माण की अनुमति को लेकर जवाब मांगा है। कोर्ट ने सेना से पूछा है कि क्या इन गांवों में निर्माण की अनुमति दिए जाने पर सेना के अभ्यास में कोई बाधा उत्पन्न हो सकती है?

साथ ही, अयोध्या विकास प्राधिकरण के सचिव को भी निर्देश दिया गया, कि वे अदालत में उपस्थित होकर यह स्पष्ट करें कि क्या इन गांवों में नक्शे की अनुमति दी जा सकती है। इसके लिए सेना से NOC लेने की आवश्यकता होगी या नहीं? इस मामले में अगली सुनवाई 30 सितंबर को होगी।

सुओ मोटो जनहित याचिका पर कोर्ट का निर्णय

यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने ‘प्रोटेक्शन ऑफ डिफेंस लैंड एट अयोध्या’ शीर्षक से दर्ज सुओ मोटो जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद पारित किया। याचिका में सेना के अभ्यास क्षेत्र और आसपास के गांवों में होने वाले निर्माण के मुद्दे पर सवाल उठाया गया था।

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13391 एकड़ जमीन सेना की रायफल रेंज के लिए संरक्षित

सुनवाई के दौरान याची ने कोर्ट को बताया कि अयोध्या कैंट के लेफ्टिनेंट कर्नल द्वारा 11 फरवरी 2023 को जिलाधिकारी, अयोध्या को एक पत्र भेजा गया था, जिसमें लगभग 13391 एकड़ जमीन को सेना की रायफल रेंज के तौर पर संरक्षित बताया गया था।

यह भूमि कैंट क्षेत्र के कई गांवों में फैली हुई है। जिलाधिकारी अयोध्या द्वारा 19 फरवरी 2024 को सेना के अधिकारियों को इस संबंध में पत्र भेजा गया था। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए यह सुनिश्चित करने के लिए सेना के एक अधिकारी को बुलाया है, जो सुनवाई में मदद कर सके।

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14 गांवों की 13 हजार एकड़ जमीन सेना के पास, जिस पर बिल्डरों की नजरें

25 लाख की आबादी वाली अयोध्या में कुल 1272 गांव आते हैं। ज्यादातर गांव सरयू नदी के किनारे बसे हैं। सेना की छावनी भी नदी के छोर पर है। बड़ा कैंट एरिया होने के कारण नदी से सटे 14 गांव सेना के ‘बफर-जोन’ में आते हैं।

इन गांवों की कुल 13,391 एकड़ जमीन को अगस्त 2020 से जुलाई 2025 तक सेना की फील्ड फायरिंग और आर्टिलरी प्रैक्टिस एक्ट 1938 के तहत नोटिफाई किया गया था। सेना के बफर-जोन में आने वाले अयोध्या के 14 गांवों में से एक माझा जमथरा भी है। यहां की 2,211 एकड़ जमीन को अब शासन ने डी-नोटिफाई कर दिया है।

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