लखनऊ विश्वविद्यालय का 67वां दीक्षांत समारोह हुआ संपन्न, राज्यपाल ने कहा- हर विश्वविद्यालय में टॉप कर रही हैं बेटियां

लखनऊ विश्वविद्यालय का 67वां दीक्षांत समारोह (LUCKNOW UNIVERSITY CONVOCATION) सोमवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आयोजित किया गया. इस मौके पर अनुष्का को चांसलर, अंशिका को वाइस चांसलर और आयुष को चक्रवर्ती गोल्ड मेडल प्रदान किया गया।

लखनऊ विश्वविद्यालय का 67वां दीक्षांत समारोह सोमवार को विश्वविद्यालय के प्रांगण में शुरू हुआ. समारोह की अध्यक्षता प्रदेश की राज्यपाल व विश्वविद्यालय की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल कर रही है. समारोह भारतीय कंप्यूटर वैज्ञानिक आईटी लीडर और शिक्षाविद पद्मश्री, पद्म-भूषण डॉ. विजय पांडव रंग भटकर मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए हैं.

दीक्षांत समारोह में अनुष्का जैन को चांसलर गोल्ड मेडल-2024, आयुष चौहान को चक्रवर्ती गोल्ड मेडल फॉर सर्विस-2024 और कैडेट अंशिका तिवारी को वाइस चांसलर गोल्ड मेडल (एनसीसी) दिया गया है. दीक्षांत में कुल 198 मेडल के लिए मेधावियों दिए गए है. वहीं अस्थायी मेडलों की सूची में शैलजा चौरसिया को 10 गोल्ड, दो सिल्वर और एक ब्रोंज मेडल दिया गया. वैष्णवी मिश्रा व रीमा चौधरी को नौ-नौ गोल्ड, जूली पटेल व हार्दिक गुप्ता को छह-छह गोल्ड, अर्पिता गोडिन, अर्पन शुक्ला, अनुराग सिंह को चार गोल्ड और निखिल सिंह, अर्शी श्रीवास्तव, जान्हवी पटेल, अदिति बाजपेयी, दिव्यांशी मिश्रा, शशांक शेखर पांडेय, प्रियांशी गुप्ता, श्रुति गुप्ता, प्रिया मिश्रा, शिखर भारती को तीन-तीन गोल्ड मेडल दिए गए.

लखनऊ विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह

कुल 1लाख 6 हजार 306 डिग्रियां प्रदान की गईं :

दीक्षांत समारोह में कुल एक लाख 6 हजार 306 डिग्री दिए गए हैं. जिसमें 62 हजार 111 डिग्रियां छात्राओं, 44 हजार 195 डिग्रियां छात्रों को प्रदान की गई है. लखनऊ विश्वविद्याल विश्वविद्यालय परिसर के 7049 छात्रों को डिग्रियां प्रदान की गई हैं. जिसमें 3418 डिग्रीयां छात्राओं, 3611 डिग्रियां छात्रों को प्रदान की गई है. लखनऊ जिले के डिग्री कॉलेज में कुल 36 हजार 877 छात्रों को डिग्री प्रदान की गई है. जिसमें 23 हजार 122 डिग्रियां छात्राओं, 13 हजार 745 डिग्रियां छात्रों को प्रदान की गई है.
लखनऊ विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह

लखनऊ विश्वविद्यालय से संबद्ध हरदोई जिले के डिग्री कॉलेज के कुल 19 हजार 39 डिग्रियां प्रदान डिग्रियां प्रदान कीं. जिसमें 8753 डिग्रियां छात्राओं, 10 हजार 286 डिग्रियां छात्रों को प्रदान की गई हैं. लखीमपुर जिले के डिग्री कॉलेज के कुल 13 हजार 19 डिग्रियां प्रदान डिग्रियां प्रदान कीं. जिसमें 8059 डिग्रियां छात्राओं, 4970 डिग्रियां छात्रों को प्रदान की गई है. रायबरेली जिले के डिग्री कॉलेज के कुल 15 हजार 171 डिग्रियां प्रदान डिग्रियां प्रदान कीं. जिसमें 9351 डिग्रियां छात्राओं, 5820 डिग्रीयां छात्रों को प्रदान की गई है. सीतापुर जिले के डिग्री कॉलेज के कुल 15 हजार 151 डिग्रियां प्रदान डिग्रियां प्रदान कीं. जिसमें 9445 डिग्रीयां छात्राओं, 5706 डिग्रियां छात्रों को प्रदान की गई हैं.

शिक्षा मंत्री ने छात्रों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी :

उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने अपने संबोधन में भगवान गणेश उत्सव की महत्ता को रेखांकित करते हुए बताया कि यह पर्व हमारे देश में एकता और राष्ट्रवाद की भावना को बढ़ावा देता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के माध्यम से हमें राष्ट्रवाद की भावना को बढ़ावा देना चाहिए और उन अवरोधों को दूर करना चाहिए जो इस भावना के विकास में बाधा बनते हैं। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे शिक्षा को सिर्फ ज्ञान प्राप्ति का साधन न मानें, बल्कि इसका उपयोग समाज और देश की सेवा के लिए करें। हमारे देश की सांस्कृतिक एकता को बनाए रखने के लिए शिक्षा एक महत्वपूर्ण साधन है और हमें आने वाली पीढ़ियों को इस दिशा में मार्गदर्शन देना आवश्यक है।

राज्य मंत्री रजनी तिवारी ने छात्रों का हौसला अफजाई की

उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी ने छात्रों को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं और उन्हें प्रेरित किया कि वे अपनी शिक्षा का उपयोग समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए करें। उन्होंने कहा कि आपके प्रमाणपत्र सिर्फ एक औपचारिक दस्तावेज नहीं हैं, बल्कि यह आपके जीवन में आने वाले अवसरों और चुनौतियों को पार करने का साधन हैं। आप चाहे उच्च शिक्षा प्राप्त करें, उद्यमिता में जाएं या रोजगार के क्षेत्र में कदम रखें, हमेशा याद रखें कि आपके पास समाज में गहरा प्रभाव डालने की क्षमता है।

महिला सशक्तिकरण के लिए करना है काम :

गोमतीनगर की रहने वाली अंशिका तिवारी को वाइस चांसलर गोल्ड मेडल (एनसीसी) के लिए चुना गया है. अंशिका के पिता बृजेश तिवारी यूपी पुलिस में इंस्पेक्टर और मां शिशु तिवारी ग्रहिणी हैं. बड़ा भाई अर्पित प्राइवेट जॉब कर रहा है. बहन अल्पना तिवारी एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहीं हैं. अंशिका का कहना है कि वह महिला सशक्तिकरण पर काम करेंगी. जिससे उनकी समस्याएं दूर हो सकें. महिलाएं अत्याचार का शिकार हो रहीं हैं. जागरूकता की कमी के कारण आज भी ज्यादातर महिलाएं अपने अधिकारों को नहीं जानती. कई मामले ऐसे भी देखने को मिलते हैं कि महिलाओं का शोषण घर परिवार के ही लोग करते हैं. वह चाह कर भी आवाज नहीं उठा पाती।
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