Lucknow: कार्यालयों में सरकारी कामकाज हिंदी में करने की अपील, हिन्दी पखवाड़ा के तहत कार्यशाला का हुआ आयोजन !

केन्द्रीय संचार ब्यूरों लखनऊ द्वारा हिन्दी पखवाड़ा के तहत गुरूवार को भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, राजभाषा के निदेशक ओम प्रकाश ने कार्यशाला ने यह अपील की।

 सभी इकाई प्रमुखों व कार्यालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों से हिंदी में सरकारी कामकाज करने की अपील की गई है। केन्द्रीय संचार ब्यूरों लखनऊ द्वारा हिन्दी पखवाड़ा के तहत गुरूवार को भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, राजभाषा के निदेशक ओम प्रकाश ने कार्यशाला ने यह अपील की। कार्यक्रम में शामिल बतौर मुख्य अतिथि निदेशक ने दीप प्रज्ज्वलित कर इसका शुभारंभ किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में पीआईबी के उपनिदेशक डॉ. एम.एस. यादव भी मौजूद रहे। अध्यक्षता संयुक्त निदेशक मनोज कुमार वर्मा ने की। क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी जय सिंह भी शामिल रहे।

 

हिंदी की जागरूकता को लेकर वक्त किये विचार

कार्यशाला में सरकारी कामकाज में राजभाषा हिन्दी के प्रति जागरूकता तथा इसके उत्तरोत्तर प्रयोग विषय पर ओम प्रकाश ने विचार व्यक्त किए। उन्होंने सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को हिन्दी में कार्य करने के लिए कहा। साथ ही हिन्दी पर विस्तृत रूप से चर्चा की। मुख्य अतिथि ने सभी कार्यालयों में हिन्दी में कार्य करने के कैसे आकड़े बनाए, पत्र तैयार तथा टिप्पणी व फाईलों पर कैसे, किस नियम के तहत कार्य किया जाए, इस पर विस्तृत रूप से बताया। साथ ही प्रतिभागियों द्वारा पूछे गये प्रश्नों का भी जबाब दिया।

 

हिंदी प्रोत्साहन को लेकर हुई बात

अध्यक्षता कर रहे मनोज कुमार वर्मा ने कार्यक्रम की रूप-रेखा व परिचय कराते हुए सभी अधिकारियों, कर्मचारियों व सभी प्रतिभागियों को हिन्दी में कार्य करने के लिए निर्देशित किया। उन्होंने अधिक से अधिक कार्य हिन्दी में करने पर प्रोत्साहित करने के लिए भी कहा। श्री वर्मा ने कहा कि हिंदी लिखना-बोलना हमारे लिये गर्व की बात है। हिंदी दिवस की शुरुआत 14 सितंबर 1953 से की गई है। उन्होंने कहा कि भारत की सबसे अधिक बोले जाने वाली यह भाषा है। उन्होंने कहा कि सरकारी कामकाज में ज्यादा से ज्यादा हिंदी का प्रयोग हो इस बात का ख्याल सभी को करना चाहिए।

पिछड़ती भाषा को लेकर वक्त की चिंता

विशिष्ट अतिथि पीआईबी उपनिदेशक डॉ. एम.एस. यादव ने कहा कि हिंदी हमारे कामकाज की भाषा है। जनता इसे पढ़ती, समझती एवं बोलती है। इसलिए इसका मानकीकरण कर इसे संचार के तौर पर प्रयोग करते हुए राजभाषा बनाया गया। उन्होंने कहा कि हिंदी हमारे स्वाभिमान और गर्व की भाषा है। लेकिन हमें देखना होगा कि हिंदी के प्रयोग को लेकर हम कहां पिछड़ रहे है। साथ ही इस बात का भी चिंतन होना चाहिए कि राजभाषा हिंदी के प्रयोग व उपयोग का और विस्तार कैसे किया जाये।

संचालन क्ष़ेत्रीय प्रचार अधिकारी राजभाषा अधिकारी जय सिंह ने किया तथा कार्यक्रम की सफलता के लिए सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर कार्यालय के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों सहित सभी इकाईयों के इकाई प्रमुख मौजूद रहे।

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