लखनऊ में 18 दारोगा हुए गिरफ्तार, भेजे गए जेल !
इंस्पेक्टर के मुताबित अभी तक 18 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। ऑनलाइन परीक्षा केंद्र संचालक पंकज कोटिया और अन्य को पुलिस तलाश रही है।
लखनऊ। दरोगा भर्ती परीक्षा के मामले में पुलिस की टीमें लगातार कार्रवाई करते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी कर रही है। महानगर पुलिस को रविवार दूसरे दिन भी इस मामले में बड़ी सफलता हाथ लगी है। सॉल्वर की मदद से दरोगा भर्ती परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले और 12 अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया है। दावा है कि आरोपी रिजर्व पुलिस लाइन में दस्तावेज की जांच कराने आए थे। ऑनलाइन परीक्षा के वक्त दिए गए फिंगर प्रिंट और प्रवेश पत्र पर लगी फोटो में अंतर पाए जाने पर संदिग्धों से पूछताछ किए जाने पर यह मामला उजागर हुआ था।
इंस्पेक्टर के मुताबित:
अभ्यर्थियों ने सात-सात लाख रुपये देकर अपनी जगह दूसरे व्यक्ति को बैठाकर परीक्षा पास की थी। यूपी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड की ओर से दरोगा की सीधी भर्ती कराई गई थी। इंस्पेक्टर दिनेश चन्द्र मिश्र के मुताबित दरोगा सीधी भर्ती परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों के शारीरिक मापदंड और दस्तावेज की चेकिंग चल रही है। इस क्रम में शनिवार को छह अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया था। इन्होंने सॉल्वर के सहारे दरोगा परीक्षा पास की थी।
इंस्पेक्टर के मुताबित अभी तक 18 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। ऑनलाइन परीक्षा केंद्र संचालक पंकज कोटिया और अन्य को पुलिस तलाश रही है। फर्जीवाड़ा करने वाले अभ्यर्थियों के खिलाफ अनुसचिव रश्मि रानी ने महानगर कोतवाली में दो मुकदमे दर्ज कराए हैं। बताते चले कि शनिवार को डीवी/पीएसटी के लिए करीब तीन सौ अभ्यर्थी पुलिस लाइन पहुंचे थे। दस्तावेज चेकिंग के दौरान मैनपुरी खरगजीत नगर निवासी रजत कुमार, शामली झिझना निवासी पिंकू कुमार, बुलंदशहर खुर्जा निवासी प्रतीक चौधरी, हरियाणा सरूपगढ़ निवासी दीपक, मुजफ्फरनगर निवासी हसीन चौधरी और शामली खेड़ा कुरतानी निवासी आशुतोष शर्मा पर शक हुआ। उनसे पूछताछ की गई। संदिग्ध अभ्यर्थियों के पकड़े जाने की जानकारी महानगर पुलिस को दी गई, जिस पर सभी को गिरफ्तार कर लिया गया था।