Extortion case: बीबीएयू कुलपति समेत तीन पर जालसाजी व रंगदारी का मुकदमा दर्ज !
बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय (बीबीएयू) के कुलपति संजय सिंह, कंप्यूटर प्रोग्रामर सहायक कुलसचिव अतुल बाजपेई और अनुभाग अधिकारी बीएस सैनी जालसाजी अमानत में ख्यानत व रंगदारी का केस दर्ज हुआ है।
Babasaheb Bhimrao Ambedkar University (बीबीएयू) के कुलपति संजय सिंह, कंप्यूटर प्रोग्रामर सहायक कुलसचिव अतुल बाजपेई और अनुभाग अधिकारी बीएस सैनी जालसाजी,अमानत में ख्यानत व रंगदारी का केस दर्ज हुआ है। मैन पावर आपूर्ति करने वाले ठेकेदार ने आरोप लगाया कि एग्रीमेंट होने के बाद भी कुलपति व उनके दो करीबी मिलकर उसका तीन करोड़ रुपये का भुगतान नहीं कर रहे है। इसके लिए रिश्वत मांग रहे हैं। पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दिया है।
विश्वविद्यालय का पक्ष सुने बिना दर्ज हुआ मुकदमा।
दूसरी ओर कुलपति ने इस केस को एकतरफा बताया है। कहा कि कोर्ट की तरफ से इसकी सूचना नहीं दी गई। विश्वविद्यालय का पक्ष सुने बिना ही मुकदमा दर्ज करने का आदेश जारी कर दिया गया। कानपुर रोड सेक्टर आई एलडीए कालोनी में उपेंद्र बहादुर सिंह परिवार सहित रहते हैं। उपेंद्र के मुताबिक 16 नवंबर 2017 में उन्होंने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में मैन पावर आपूर्ति के लिए अनुबंध किया। बीबीएयू ने इसके लिए 6.25 करोड़ रुपये का अनुबंध था।
कुलसचिव ने रिश्वत कि करी मांग
विवि की तरफ 3.25 करोड़ रुपये का भुगतान कांट्रैक्टर के खाते में करा दिया गया। आरोप है कि इसके बाद तीन करोड़ रुपये का भुगतान जबरदस्ती रोक लिया गया। इस संबंध में कई बार पत्र भेजा गया लेकिन विवि की तरफ से कोई पहल नही किया गया। न ही पत्र का जवाब भी नहीं दिया। उपेंद्र का आरोप है कि भुगतान के लिए वह लगातार विवि के जिम्मेदारों से संपर्क करते रहे। इसी बीच उनको विवि के कंप्यूटर प्रोग्रामर सहायक कुल सचिव अतुल बाजपेई ने मिलने के लिए बुलाया। मिलने के लिए उतरठिया स्थित गणपति रेस्टोरेंट पर बुलाया। रेस्टोरेंट में अतुल बाजपेई ने कहा कि पूरा भुगतान कराना है तो 10 प्रतिशत रिश्वत देनी होगी। जबकि अन्य कांट्रैक्टरों के बिलों का भुगतान दस्तावेज न होने पर पर भी किया जा रहा है।
पीडि़त ने 24 जून को थाने में दी थी तहरीर
आरोप है कि अतुल व बीएस सैनी उससे लगातार कहते हैं कि बिना प्रसाद के चढ़ावे के भगवान खुश नहीं होंगे। तुमको कुछ नहीं मिलने वाला। दोनों ने कुलपति से मुलाकात कराने का आश्वासन दिया। मिलेनियम स्कूल साउथ सिटी के पास मुलाकात के लिए बुलाया। वहां पर अतुल व बीएस सैनी भी थे। कुलपति ने कहा कि जैसा दोनों कहते हैं। वैसा करो। जब दबाव ज्यादा बढऩे लगा तो पीडि़त ने 24 जून 2022 को आशियाना थाने में तहरीर दी। जिस पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके बाद पीडि़त ने कोर्ट की शरण ली।
मामले की हो रही लगातार जाँच
आरोप है कि जनवरी 2019 में जीएसटी का रुपया मिला है। रुपये जमा न होने के कारण जीएसटी ने पीडि़त को सम्मन भी जारी कर दिया। जबकि हर महीने बिल पर कुलपति संजय सिंह के निर्देश पर जीएसटी की रकम काट ली जा रही है। इस धनराशि का अनुचित तरीके से प्रयोग किया जा रहा है। आरोप है कि अक्टूबर 2021, नवंबर 2021, दिसंबर 2021 व 11 जनवरी 2022 के बिलों भुगतान करीब तीन करोड़ रुपये है। जो विश्वविद्यालय के कुलपति संजय सिंह ने रोक लिया है। उपेंद्र के मुताबिक दिसंबर 2017 से दिसंबर 2018 तक की जीएसटी बकाया है। जो करीब 3.25 करोड़ रुपये कुलपति ने फंसा दिया है। रुपये देने से साफ मना कर रहे हैं। प्रभारी निरीक्षक आशियाना डॉ. धर्मेंद्र यादव के मुताबिक मामले की जांच की जा रही है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस जारी कर रखा अपना पक्ष
बीबीएयू की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कुलपति ने अपना पक्ष रखा। कहा कि यह एफआईआर विवि द्वारा बर्खास्त मैन पॉवर के ठेकेदार द्वारा किया गया बताया जा रहा है। जिसका ठेका निरस्त किया गया है। इस ठेकेदार को विवि द्वारा धांधली, आउटसोर्स कर्मचारियों से धन उगाही तथा फर्जी बैंक स्टेटमेंट जमा करने के आरोपों के कारण समुचित जांच के बाद निष्कासित किया गया है।