‘World Rabies Day 2022’: रेबीज़ की रोकथाम के लिए जागरूकता बढ़ाने का है दिन, जानें कितना बढ़ा कुत्तों से खतरा !

'देश' (Country) में हर साल रेबीज की वजह (Cause of Rabies) से कितने लोगों की मौत हो जाती है। इस दौरान रेबीज़ एक वायरल डिजीज है।

‘देश’ (Country) में हर साल रेबीज की वजह (Cause of Rabies) से कितने लोगों की मौत हो जाती है। इस दौरान रेबीज़ एक वायरल डिजीज है। हर साल 28 सितंबर (September) को लोगों को अवेयर करने के लिए ‘वर्ल्ड रेबीज डे’ मनाया जाता है। बता दें कि रेबीज़ कुत्ते, बिल्ली , बंदर सहित कई जानवरों के काटने से फैलता है। World Health Organization (WHO)  के मुताबिक एशिया और अफ्रीका (Asia and Africa) में इस जूनोटिक डिजीज का सबसे ज्यादा खतरा होता है। ऐसे में भारत में रेबीज के मामले सबसे ज्यादा सुनाई देते हैं।

‘रेबीज़’ एक वायरल डिजीज है

आपको बता दें कि, दुनिया के कुल 36% रेबीज के मामले भारत में रिपोर्ट किए जाते है। हैरान करने वाला मामला यह है, ऐसे में देश में 15 साल से कम उम्र के बच्चे रेबीज की चपेट में आते रहते हैं। इस बीमारी को लेकर लोगों के बीच बेहद कम जागरूकता है।

क्‍या है इतिहास?

  • विश्‍व रेबीज डे पहली बार 28 सितंबर को 2007 में मनाया गया था।
  • WHO, अमेरिका और एलायंस फोर रेबीज कंट्रोल व सेंटर फोर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने मुख्‍य रूप से भाग लिया था।
  • विश्‍वभर में लोगों को रेबीज से होने वाले खतरे और वैक्‍सीन से होने वाले फायदों के बारे में जानकारी देना था।
  • इस दिन फ्रेंच केमिस्‍ट और माइक्रोबायोलॉजिस्‍ट लुई पाश्‍चर की डेथ एनिवर्सिरी (Louis Pasteur’s Death Anniversary) होती है।
  • सन 1885 में पहली बार रेबीज की वैक्‍सीन को विकसित किया था।
  • इस साल 16वां विश्‍व रेबीज डे मनाया जाएगा।

रेबीज डे की क्या है थीम

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, विश्व रेबीज दिवस 2022 का विषय ‘रेबीज- एक स्वास्थ्य, शून्य मृत्यु’ है।
  • विषय पर्यावरण, लोगों और जानवरों के बीच संबंध पर जोर देना है।

 

 

 

 

 

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