# राष्ट्रपति परिणाम : केरल से मिले ‘ एक ‘ वोट ने विपक्ष में खलबली मचाई, बीजेपी ने ख़ुशी जताई !
मिली जानकारी के अनुसार देश की राजनीति में जहां भाजपा की पकड़ मजबूत नहीं है वहां से भी उसको द्रोपदी मुर्मू को समर्थन मिला है
कल जारी हुए राष्ट्रपति चुनाव परिणाम में जहां देश को अपना 15 वन न्य राष्ट्रपति मिलने वाला है। तो वहीं नतीजों के बाद अब वोटिंग को लेकर अहम् खुलासे सामने आ रहे है। मिली जानकारी के अनुसार देश की राजनीति में जहां भाजपा की पकड़ मजबूत नहीं है वहां से भी उसको द्रोपदी मुर्मू को समर्थन मिला है।
केरल के सियासी खेमे में कोहराम
केरल के एक वोट ने राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू की ऐतिहासिक जीत में योगदान दिया। हालांकि इस वोट को लेकर केरल के सियासी खेमे में कोहराम मच गया है। इसका कारण यह है कि 140 सदस्यीय राज्य विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कोई विधायक नहीं है। देश के कई राज्यों में मुर्मू के पक्ष में क्रॉस वोटिंग के बीच केरल से मिले इस अप्रत्याशित वोट पर बीजेपी ने खुशी जाहिर की है।
सिन्हा को समर्थन देने की घोषणा की थी
केरल विधानसभा में बीजेपी की गैरमौजूदगी से उम्मीद जताई जा रही थी कि राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को राज्य के सारे वोट मिलेंगे। सत्तारूढ़ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI-M) के नेतृत्व वाले लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) ने भी सिन्हा को समर्थन देने की घोषणा की थी।
गलती से दिया गया था या जानबूझकर
प्रभारी विधायी सचिव कविता उन्नीथन (जो कि रिटर्निंग ऑफिसर भी थी ) ने बताया कि चूंकि राष्ट्रपति चुनाव में मतदान गुप्त मतदान के माध्यम से हुआ था। इसलिए यह पता लगाना संभव नहीं है कि राज्य विधानसभा में मुर्मू के पक्ष में क्रॉस वोटिंग किसने की। राजनीतिक पर्यवेक्षक अब यह भी सवाल उठा रहे हैं कि क्या यह एक वोट राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार को गलती से दिया गया था या जानबूझकर।
नकारात्मकता के खिलाफ एक “सकारात्मक वोट”
वहीं बीजेपी की प्रदेश इकाई ने इस अप्रत्याशित वोट पर खुशी जाहिर की है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के. सुरेंद्रन ने कहा कि केरल से द्रौपदी मुर्मू को जो एक वोट मिला, वह अन्य 139 वोटों से ज्यादा अहमियत रखता है। यह नकारात्मकता के खिलाफ एक “सकारात्मक वोट” है।
एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में मतदान
गौरतलब है कि मुर्मू ने विपक्षी दलों के यशवंत सिन्हा को हराकर आदिवासी समुदाय के पहले राष्ट्रपति बनकर इतिहास रच दिया है। मतगणना में मुर्मू को 64 प्रतिशत से अधिक वैध मत मिले। सत्तारूढ़ भाजपा का दावा है कि संसद के दोनों सदनों के 17 सांसदों और राज्यों के 126 विधायकों ने संबंधित पार्टी लाइनों की अनदेखी करते हुए एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में मतदान किया।