जुआ अड्डा पर पुलिस का छापा, पुलिसकर्मी सहित एक दर्जन लोग पकड़े गए

राजधानी रांची  के पुलिस लाइन में ही जुए का खेल चल रहा था।जुआ खेलने की जानकारी मिलने पर वरीय पुलिस अधिकारियों के द्वारा एक टीम भेज कर छापेमारी की कार्रवाई गई।

रांची: राजधानी रांची  के पुलिस लाइन में ही जुए का खेल चल रहा था।जुआ खेलने की जानकारी मिलने पर वरीय पुलिस अधिकारियों के द्वारा एक टीम भेज कर छापेमारी की कार्रवाई गई। जिसमें 20 लोगों को हिरासत में लिए गए हैं। जानकारी के अनुसार जिन लोगों को हिरासत में लिया गया उसमें से 14 पुलिसकर्मी भी हैं।

पुलिस लाइन में मची भगदड़

मिली जानकारी रविवार को रांची पुलिस लाइन में उस समय भगदड़ मच गई। जब जुआ खेल रहे एक दर्जन से ज्यादा लोगों को पुलिस ने छापेमारी कर उठा लिया। एक दर्जन से ज्यादा लोगों को हिरासत में लेने के बाद जानकारी मिली कि उसमें 14 पुलिसकर्मी भी हैं। जिसके बाद मामले को दबाने की भरपूर कोशिश की गई। हालांकि मामला ज्यादा देर तक दबा नहीं रह सका।

पुलिस लाइन में की गई छापेमारी

एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा को यह शिकायत मिली थी कि पुलिस लाइन में ही अवैध रूप से कुछ लोग जुआ खिलाने का काम करते हैं।इसके लिए उन्होंने किराए पर एक मकान भी ले रखा है। जानकारी मिलने पर एसएसपी के स्पेशल टीम के द्वारा अचानक पुलिस लाइन में छापेमारी गई की गई। जिसमें जुआ खेलते हुए 20 लोगों को पकड़ लिए। मौके से पकड़े गए लोगों के पास से साढ़े तीन लाख के करीब नगद भी बरामद हुआ है।

जुआ खेलने की मिली थी शिकायत

इस सम्बंध में सदर डीएसपी प्रभात रंजन बरवार ने बताया कि जुआ खेलने की शिकायत पर छापेमारी की गई थी।जिसमें कुछ लोगों को पकड़ा गया है। मामले में पुलिस वाले शामिल हैं कि नहीं यह जांच की जा रही है।

भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने उठाए सवाल

इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा ‘राँची के गोंदा थाने क्षेत्र में कल देर रात पुलिसकर्मी समेत अन्य लोग जुआ खेलते पकड़े गये हैं। ये पुलिसकर्मी ख़ुद भी जुआ खेल रहे थे और खेलवा भी रहे थे। इस पूरे प्रकरण में सबसे खास बात यह है कि इनमें से कुछ पुलिसकर्मी मुख्यमंत्री आवास में कार्यरत हैं और इस बात को पूरी तरह से छिपाया गया है।किसी भी तरह से मामले को रफा दफा किया जा रहा है।

जिस राज्य का मुखिया सुबह से रात तक बस चोरी और हेरा-फेरी का गोरखधंधा करने में लगा हो, वहां ठीक उसके नाक के नीचे काम करने वालों को ऐसा ‘अपराध करने का ऑक्सीजन’ मिलता ही रहता है। जब बॉस ही राज्य के साथ रोज़ जुआ खेले तो चेले क्यों पीछे हटेंगे? साथ ही साथ यह भी पता लगाना ज़रूरी है कि इस जुआ के आमदनी का पैसा ऊपर कहां तक जाता है?’

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