राम रहीम की पैरोल पर सीएम खट्टर ने कहा, ‘मुझे इसमें कुछ नहीं करना है, कोर्ट जाओ…’
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह हाल ही में 40 दिन के पैरोल पर जेल से बाहर आया है। इसको लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। एक तरफ वकील एचसी अरोड़ा ने...
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह हाल ही में 40 दिन के पैरोल पर जेल से बाहर आया है। इसको लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। एक तरफ वकील एचसी अरोड़ा ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि राम रहीम के पैरोल से खतरा काफी बढ़ गया है। वहीं, हरियाणा के सीएम मनोहर लाल का रिएक्शन सामने आया है। उन्होंने कहा है कि जिस अपराध में राम रहीम के खिलाफ सख्त धाराएं लगाई गई हैं, वह सजा काट रहा है. उसके बाद जेल में नियमावली के अनुसार क्या होता है और क्या नहीं? इस पर सरकार को कुछ नहीं कहना चाहिए।
जेल नियमावली में हस्तक्षेप नहीं कर सकती सरकार
खट्टर ने यह भी कहा कि सरकार जेल नियमावली में हस्तक्षेप नहीं कर सकती। जेल प्रशासन ने जेल नियमावली के अनुसार पैरोल दी होगी। अगर किसी को उसकी पैरोल पर आपत्ति है तो वह इसे कोर्ट में चुनौती दे सकता है। वे क्या कर सकते हैं और क्या नहीं यह कोर्ट को देखना है। बाकी लोग पैरोल पर क्या करते रहे, सबने देखा, लोगों ने चुनावी रैलियां भी निकाली हैं।
सिरसा में अपने दो शिष्यों से बलात्कार के आरोप में 20 साल की जेल की सजा काट रहे राम रहीम को हाल ही में 40 दिनों के लिए पैरोल दी गई थी। हरियाणा में 3 नवंबर को होने वाले आदमपुर उपचुनाव और पंचायत चुनाव से पहले राम रहीम को पैरोल देने के फैसले ने राज्य में सियासी बवाल खड़ा कर दिया है।
राम रहीम के पैरोल पर उठे सवाल
26 अक्टूबर को सीएम खट्टर ने राज्य में अपनी सरकार के 8 साल पूरे होने पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। राम रहीम की पैरोल पर उठे सवाल पर खट्टर ने कहा कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को दी गई पैरोल में उनकी कोई भूमिका नहीं है क्योंकि जेलों के अपने नियम-कानून होते हैं। खट्टर ने कहा कि अदालतें कारावास देती हैं और एक दोषी को जेल जाता है। इसके बाद जेल के नियम सभी बंदियों पर लागू होते हैं।
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