नारायण मूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति का राज्यसभा के लिए नामांकन, पीएम मोदी का ऐलान !
विश्व प्रसिद्ध आईटी कंपनी इंफोसिस के सह-संस्थापक, प्रसिद्ध लेखक और इंफोसिस फाउंडेशन के अध्यक्ष नारायण मूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति को राज्यसभा के लिए नामांकित करने की घोषणा की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व प्रसिद्ध आईटी कंपनी इंफोसिस के सह-संस्थापक, प्रसिद्ध लेखक और इंफोसिस फाउंडेशन के अध्यक्ष नारायण मूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति को राज्यसभा के लिए नामांकित करने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर इसकी घोषणा की है. इसकी जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक्स (पहले ट्विटर) अकाउंट पर दी है. साल 2006 में सुधा मूर्ति को उनके सामाजिक कार्यों के लिए सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया था।
इंफोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष सुधा मूर्ति
सुधा मूर्ति इंफोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष हैं और वह टाटा कंपनी में शामिल होने वाली पहली भारतीय महिला इंजीनियर हैं। उनकी शादी इंजीनियर नारायण मूर्ति से हुई थी। इसके बाद नारायण मूर्ति ने भारत में इंफोसिस की स्थापना की और आज यह सफल टर्नओवर वाली दुनिया की अग्रणी आईटी कंपनियों में से एक है। इंफोसिस के निर्माण में सुधा मूर्ति की भी प्रमुख भूमिका रही है।
सुधा मूर्ति एक शिक्षिका और लेखिका भी हैं। उनकी कई किताबें बेस्ट सेलर हैं। वे सरल और पारंपरिक मूल्यों को संरक्षित करने की अपनी प्रकृति के लिए जाने जाते हैं। 2006 में, मूर्ति को उनके सामाजिक कार्यों के लिए भारत सरकार द्वारा भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।
तीस सालों में एक भी नई साड़ी नहीं खरीदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सामाजिक कार्य, सामाजिक प्रतिबद्धता और शिक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में सुधाजी का योगदान अद्वितीय और प्रेरणादायक है। सुधा मूर्ति का जन्म कर्नाटक में एक देशस्थ माधव ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वे संस्कृति और परंपरा से दृढ़ता से जुड़े हुए हैं। उनकी कन्नड़ और अंग्रेजी दोनों भाषाओं पर अच्छी पकड़ है। उन्होंने समाज सेवा और साहित्य में अपना योगदान देकर महान कार्य किया है। उनका उपन्यास ‘डॉलर बहू’ मूल रूप से कन्नड़ में लिखा गया था और बाद में इसका अंग्रेजी में अनुवाद किया गया, उनकी बेटी अक्षता की शादी लंदन के प्रधान मंत्री ऋषि सुनक से हुई है।
सुधा मूर्ति ने 150 से अधिक किताबें प्रकाशित की हैं। उन्होंने लैंगिक भेदभाव और रूढ़िवादिता के खिलाफ लिखा है। उनकी कुल संपत्ति 775 करोड़ बताई जाती है। फिर भी वे बहुत सादा जीवन जीते हैं। सुधा मूर्ति का कहना है कि उन्होंने पिछले तीस सालों में एक भी नई साड़ी नहीं खरीदी है। वे शाकाहारी भोजन के बहुत शौकीन हैं। वे जब भी विदेश जाते हैं तो शाकाहारी खाना अपने साथ ले जाते हैं।
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