न प्लेयर्स बदले, न टीम, मैदान में यूं ही नहीं लगे धोनी-धोनी के नारे, जाने पूरी खबर !
क्वालीफायर के बाद फिर तय हो गया है कि वो ‘धोनी’ ही है जो क्रिकेट में नामुमकिन को मुमकिन बना देता है। खिलाड़ी और टीम कैसी भी हो,

IPL16 के पहले क्वालीफायर के बाद फिर तय हो गया है कि वो ‘धोनी’ ही है जो क्रिकेट में नामुमकिन को मुमकिन बना देता है। खिलाड़ी और टीम कैसी भी हो, उनको चैंपियन बना देता है। स्टेडियम यूं ही यलो रंग से नहीं नहा जाते, मैदान में धोनी-धोनी के नारे ऐसे ही नहीं गूंजने लगते इस सबके पीछे शातिर और कूल दिगाम की सफल कप्तानी है जिसने पहले क्वालीफायर में टीम इंडिया के स्टार बल्लेबाज शुभमन गिल की हेकड़ी निकाल दी है। हार्दिक पांड्या की स्पीड पर ब्रेक लगा दी है। अब तक वो अपनी टीम को 10 बार फाइनल में पहुंचा चुका है। चार बार ट्राॅफी दिला चुका है। अब पांचवें पर भी दावेदारी मजबूत हो गई है।
सीएसके ने 15 रनों की जीत के साथ 10 बार फाइनल में मार दी इंट्री
मंगलवार को क्वालीफायर फस्ट में धोनी के धुरंधर और पांड्या की पलटन आमने-सामने थी। एमएस धोनी की टीम ने पहले बल्लेबाजी की। शानदार ओपनिंग से आगाज हुआ, ऋतुराज ने 60 रनों की शानदार पारी खेली। काॅन्वे ने भी शानदार 40 रन बनाए। अजिंक्य व रवींद्र जडेजा ने योगदान दिलों को जीत लेने वाला रहा लेकिन फिर भी सीएसके का स्कोर सिर्फ 172 रन ही बन सका।
पहली पारी खत्म होने के बाद गुजरात की जीत सुनिश्चित मानी जा रही थी लेकिन सब को खतरा था कि विकेट के पीछे एक दिग्गज कप्तान खड़ा है, जो कुछ भी कर सकता है और जैसे-जैसे गुजरात की पारी आगे बढ़ी। वैसा ही सबकुछ होता गया जो विकेट के पीछे खड़े एमएस धोनी चाहते थे। वो चक्रव्यूह रचते गए और गुजरात के बड़े से बड़े धुरंधर फंसते गए और आखिर में सीएसके ने 15 रनों की जीत के साथ 10 बार फाइनल में इंट्री मार दी।
धोनी ने पिछली टीम को लेकर तैयार किया नया प्लान
RCB के खिलाफ शानदार शतक लगाने के बाद जीटी के स्टार बल्लेबाज ने चेन्नई सुपर किंग्स और एमएस धोनी को चैलेंज करते हुए पहले क्वालीफायर में हराने की बात कही थी लेकिन कप्तान धोनी ने उनके लिए एक जाल बुना जीत तो दूर वो चाहकर भी कुछ नहीं कर सके। गुजरात को जीत दिलाने के लिए गिल ने काफी कोशिश की लेकिन वो कमाल दिखा पाने में नाकाम रहे।
अगर आपको याद हो तो सीएसके की ये वही टीम है जो पिछले सीजन में 9 वें नंबर पर थी। धोनी ने टीम में कोई बदलाव नहीं किया लेकिन फिर भी अपनी टीम को फाइनल में पहुंचा दिया। इस बार धोनी ने पिछली टीम को लेकर नया प्लान तैयार किया। पिछले सीजन में सीएसके पास डेथ ओवर में कोई शानदार गेंदबाजी करने वाला गेंदबाज नहीं था।
धोनी से गुण सीख शिवम दूबे ने तो इतिहास रच दिया
सीजन शुरु होने से पहले ही धोनी ने इस पर काम किया। महीश पथिराना को डेथ ओवर को स्पेशलिस्ट गेंदबाज बनाने की ट्रेनिंग दी गई और चेन्नई के लिए इस सीजन में सच में पथिराना ने कमाल की गेंदबाजी की है। वो डेथ ओवर के स्पेशलिस्ट गेंदबाज के रुप में सामने आए। पिछले सीजन में मिडिल आर्डर भी काफी खराब था। अजिंक्य रहाणे का करियर खत्म माना जा रहा था लेकिन इस सीजन में धोनी के मंत्र से वो एक नए अवतार में दिखे।
158 की स्ट्राइक रेट से रन बनाया। शिवम दूबे का भी यही हाल था। इस सीजन में धोनी से गुण सीख शिवम दूबे ने तो इतिहास रच दिया। न सिर्फ उन्होंने मिडिल आर्डर को मजबूत किया बल्कि चेन्नई की अब तक की जीत में शिवम दूबे का अहम योगदान रहा है।
बिल्कुल नहीं चल रही ओपनर ऋतुराज की बल्लेबाजी
ओपनिंग की बात की जाए तो पिछले सीजन में सीएसके के ओपनर ऋतुराज की बल्लेबाजी बिल्कुल नहीं चल रही थी। फुटवर्क उनका काफी खराब हो गया था लेकिन इस सीजन पूरी तरह न सही मगर काफी हद तक सुधार हुआ है। वो इस सीजन एक बार फिर से सीएसके की ओर से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बने। ये वो सबकुछ था जो दिग्गज कप्तान एमएस धोनी ने पिछले तीन महीने में सही कर दिया और गुजरात टाइटंस जैसी मजबूत टीम को धूल चटाते हुए फाइनल तक पहुंचा दिया है। अब सीएसके 10 फाइनल खेलने और 5 वीं बार चैंपियन बनने जा रही है।
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