National Herald Case: नेशनल हेराल्ड के दफ्तर पर ED का छापा, सोनिया-राहुल पड़ सकते हैं मुसीबत में !
नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस मामले में सोनिया और राहुल से पूछताछ के बाद प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) की टीम ने दिल्ली के हेराल्ड हाउस पर छापेमारी की।
नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस मामले में सोनिया और राहुल से पूछताछ के बाद प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) की टीम ने दिल्ली के हेराल्ड हाउस पर छापेमारी की।
ED का नेशनल हेराल्ड के दफ्तर पर छापा !
दस्तावेजों की तलाश में नेशनल हेराल्ड के ऑफिस पर ED (Enforcement Directorate) ने छापे मारे। इस दौरान दस जनपथ पर हुई बैठक के दस्तावेजों की भी तलाश की जा रही है। ED ने नेशनल हेराल्ड मामले में दिल्ली, मुंबई और कोलकाता समेत 10 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की है।
सूत्रों के मुताबिक ED सुबह 10 बजे हेराल्ड हाउस में दाखिल हुई और हेराल्ड हाउस की चौथी मंजिल पर छापा मारा जहां पर नेशनल हेराल्ड का पब्लिकेशन ऑफिस है। जानकारी के अनुसार ED ने एकाउंट सेक्शन के दो पुराने अधिकारियो से भी पूछताछ की है। जिसमे हेराल्ड हाऊस में साल 2010 से 2015 तक के खातों के बारे में पूछा गया।
सोनिया और राहुल से घंटो तक हो चुकी है पूछताछ !
आपको बता दें कि इससे पहले 27 जुलाई ED ने सोनिया गांधी से करीब 11 घंटे तक सवाल-जवाब किये थे। यह पूछताछ 3 दिनों तक चली थी। इस दौरान ED ने सोनिया से नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस से जुड़े 50 से ज्यादा सवाल पूछे थे। सोनिया से पहले ED ने राहुल गांधी से भी 50 घंटे से ज्यादा की पूछताछ की थी।
सोनिया और राहुल से की गयी पूछताछ के दौरान कांग्रेस द्वारा देशभर में विरोध प्रदर्शन भी किया गया था।
क्या है नेशनल हेराल्ड केस ?
नेशनल हेराल्ड एक न्यूज पेपर था जिसे पंडित जवाहर लाल नेहरू ने साल 1938 में शुरू किया था। इसका मालिकाना हक Associate Journals Limited (AJL) के पास था, जिसके बाद साल 2008 में घाटे की वजह से अखबार को बंद करना पड़ा। आरोप यह है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की सहमति से कांग्रेस के फंड से 90 करोड़ का लोन AJL को दिया गया था। बाद में सोनिया और राहुल गांधी ने यंग इंडिया नाम से एक कंपनी बनाई और नेशनल हेराल्ड अख़बार की संपत्ति पर कब्जा कर लिया। यंग इंडिया में सोनिया और राहुल के अलावा मोतीलाल वोरा और आस्कर फर्नांडिस की भी हिस्सेदारी थी। दोनों की मौत के बाद साल 2012 में सुब्रमण्यन स्वामी की ओर से एक याचिका दायर कर इस पूरे मामले पर सवाल उठाये गए।
साल 2014 में सोनिया और राहुल के खिलाफ कोर्ट ने समन जारी किया। जिसके बाद ED इस मामले की जांच कर रही है। वहीं साल 2015 में सोनिया और राहुल को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट से जमानत भी दी मिल गयी थी। साल 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने दोनों नेताओं को कोर्ट में सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत रूप से पेश न होने की इजाजत दे दी लेकिन केस बंद नहीं हुआ।
हैशटैग भारत की हिन्दी वेबसाईटके लिए आप यहां www.hashtagbharatnews.com क्लिक कर सकते हैं! आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं!