# राजनीति : गुड्डू जमाली की वापसी, क्या देगी बसपा को ताकत ?

पहली बार साल 2012 में वह मुबारकपुर सीट से विधायक बने और फिर 2017 में भी चुनाव जीते,दोनों ही चुनावों में अपनी सीट बचाने में सफल हुए

यूपी की राजनीती में आजमगढ़ को सपा का गढ़ कहा जाता है। वहां से तमाम राजनीती के दिग्गजों ने कई नए आयाम छुए है। ऐसा ही एक नाम गु्ड्डू जमाली ( Guddu Jamali ) का भी है। गु्ड्डू जमाली पहली बार साल 2012 में वह मुबारकपुर सीट से विधायक बने और फिर 2017 में भी चुनाव जीते। दोनों ही चुनावों में बसपा की हालत खराब दिखी, लेकिन गुड्डू दोनों ही बार अपनी सीट बचाने में सफल हुए।

पार्टी पर बोझ बनकर नहीं रहना

धीरे धीरे गुड्डू जमाली ने पूरे आजमगढ़ में ही जमाली ने पकड़ बना ली। 21 नवंबर 2021 को बसपा की बैठक में जमाली ने कहा था कि वह पार्टी के प्रति पूरी निष्ठा और ईमानदारी से काम करते हैं। लेकिन इसके बावजूद उन्हें ऐसा लगता है कि मायावती संतुष्ट नहीं हैं।

बड़ा झटका माना जा रहा

इसलिए वह पार्टी पर बोझ बनकर नहीं रहना चाहते। उन्होंने बसपा सुप्रीमो को पत्र लिखकर इस्तीफा दे दिया था। गुड्डू जमाली का बसपा से इस्तीफा देना मायावती के लिए बड़ा झटका माना जा रहा था।

किस्मत ने जमाली का साथ नहीं दिया

तो वहीं उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले गु्ड्डू जमाली ने बसपा को बड़ा झटका दिया और AIMIM में शामिल हो गए थे। ओवैसी ने उन्हें मुबारकपुर से टिकट भी दिया, लेकिन किस्मत ने जमाली का साथ नहीं दिया और वह हार गए।

अखिलेश यादव के इस्तीफे के बाद खाली

लेकिन आज खबर यह है कि गुड्डू जमाली की बसपा में घर वापसी हो चुकी है। जिसके बाद गुड्डू जमाली को AIMIM से वापस बुलाकर आजमगढ़ उपचुनाव में उतारा है। ये सीट समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के इस्तीफे के बाद खाली हुई है।

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