रूस – यूक्रेन जंग : लाल से मिलने को माँ की पुकार, कर रही सरकार से गुहार

सहारनपुर देवबंद से 20 किलोमीटर दूर कस्बा बड़गांव से पीयूष राणा 3 दिसंबर को 2021 को एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए यूक्रेन गया था

खबर सहारनपुर में रहने वाले पीयूष राणा 3 दिसंबर को 2021 को एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए यूक्रेन गए थे। वहां पर उसके एग्जाम पूरे हो गए थे। उसने घरवालों को बताया था कि वह 3 मार्च 2022 को घर आ रहा है और उसकी फ्लाइट का टिकट भी हो चुका है।

भगवान के आगे हाथ जोड़कर प्रार्थना

लेकिन जब घर वालों को पता चला कि रूस और यूक्रेन का आपस में युद्ध हो गया है। तो घर वालों ने उसे सुबह ही संपर्क साधा उसने बताया कि मैं बिल्कुल ठीक हूं। पापा को कुछ मत बताना क्योंकि पापा दिल के मरीज है। कही उन्हें हार्ट अटैक ना पड़ जाए। यूक्रेन में फंसे पीयूष राणा के लिए घर वाले कभी तो भगवान के आगे हाथ जोड़कर प्रार्थना करते हैं।

सरकार से गुहार लगा रहे

कहते हैं कि हे भगवान हमारे बच्चे को सही सलामत हमारे पास भेज दो। तो कभी सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि वह किसी तरीके से वहां फंसे हमारे बेटे को सुरक्षित निकाल ले। पीयूष राणा की मां सुधा रानी ने रोते हुए बताया कि हम लोग अपने जिगर के टुकड़े के लिए बहुत परेशान है। सुधारानी का रो रो कर बुरा हाल है और कह रही है कि अगर हमारे पास इतने पैसे होते तो हम उसको यूक्रैन क्यों भेजते।

फंसे हमारे बच्चे को निकाले

हम सरकार से अपील कर रहे हैं कि वह किसी तरीके से वहां फंसे हमारे बच्चे को निकाले। पीयूष राणा के पिता मुनेश सिंह बड़गांव में एक मेडिकल चलाते हैं। इनके पास 10 बीघा जमीन है और इसी पर लोन लेकर पीयूष को M B B S की पढाई करने के लिए यूक्रेन भेजा था। पीयूष के पिता मुनेश सिंह के 3 पुत्र हैं। पियूष दूसरे नंबर पर है घर वाले लगातार नम आंखों से राह ट्क रहे हैं कि कब पीयूष घर वापस आए।

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