रूस-यूक्रेन जंग भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए ” घातक ” ? जानिए पूरी खबर

आसान भाषा में समझिये जंग का " भारतीय अर्थव्यवस्था " पर कैसे, कहाँ और कितना पड़ेगा असर ?

रूस से जिस बात का डर था उसने वही काम किया। रूसी राष्ट्रपति पुतिन के आक्रमण ( war ) वाले एलान के बाद यूक्रेन पर हमला बोल दिया है। लेकिन इस हमले का असर दो देशों पर तो पड़ेगा ही इसके साथ ही इस जंग में कई देशों को भी आर्थिक नजकसां उठाना पड़ेगा। इन नुकसान उठाने वाले देशों में भारत का नाम भी शामिल है। इस वीडियो में हम आपको बताने जा रहे है की कैसे भारत को इस युद्ध से किन किन क्षेत्रों में नुकसान उठाना पड़ेगा।

पेट्रोल डीजल में और लग सकती है आग

अगर ये लड़ाई तीसरे विश्व युद्ध की तरफ बढ़ी तो व्यापारिक गतिविधियों पर निगेटिव असर जरूर पड़ेगा। इसमें सबसे पहले कच्चे तेल के दाम जो पहले ही 101 डॉलर प्रति बैरल पर जा चुके हैं, उनमें और तेज़ी देखने को मिलेगी। जिसके कारण आने वाले समय में पेट्रोल-डीजल के दाम में एकमुश्त बड़ी बढ़ोतरी देखी जा सकती है।

फल सब्जियों के दाम और होंगे लाल

तेल के दाम बढ़ने के चलते खाने-पीने की चीजों जैसे सब्जियों-फल, दालें, तेल आदि सभी महंगे हो सकती है। तो वहीं अगर महंगाई बड़ी तो रिजर्व बैंक के अनुमानित आंकड़ों से ये ऊपर चली जाएगी। जिससे देश का केंद्रीय बैंक दरें बढ़ाने पर मजबूर हो जाएगा।

भारतीय एक्सटॉक एक्सचेंज हो सकता है धड़ाम

अगर रूस-यूक्रेन युद्ध जारी रहता है तो एक्सचेंज रेट पर भी असर आएगा। जिससे रुपये की कीमतों में और गिरावट आ सकती है। एक्सचेंज रेट पर असर आने से भारत का कुल ट्रेड खर्च भी बढ़ेगा। इसके साथ ही अगर रूस पर और प्रतिबंध लगते हैं। तो इसमें मेटल इंपोर्ट पर बैन लगा जिससे भारत के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी हो सकती है। इसके अलावा ऑटो सेक्टर की लागत बढ़ सकती है। जिसका असर व्हीकल्स के दाम बढ़ने के रूप में देखा जा सकता है।

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