कोरोना के जख्मों पर पीएम मोदी का मरहम !
इस योजना के तहत अनाथ बच्चों के बैंक खातों में पीएम केयर्स फंड से छात्रवृत्ति भेजी गई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, सरकार अनाथों के साथ
दुनिया ने कोरोना के वक़्त क्या कुछ नहीं देखा, खाने से लेकर अपनी जान बचाने के लिए लोगों ने बहुत संघर्ष किया। लोगों ने नौकरियां गवाईं और कुछ ने तो अपनों को ही खो दिया। अब धीरे धीरे हम कोरोना से मिले जख्मों से उबर रहे हैं इसी कड़ी में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना काल में अनाथ ( Orphan ) बच्चों को सशक्त बनाने के लिए पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना की शुरुआत की है।
पीएम केयर्स फंड से छात्रवृत्ति भेजी
इस योजना के तहत अनाथ बच्चों के बैंक खातों में पीएम केयर्स फंड से छात्रवृत्ति भेजी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, सरकार अनाथों के साथ है। हम बच्चों की हर तरह से मदद करेंगे। उनके लिए अंत्योदय योजनाओं के जरिए हर महीने चार हजार रुपए महीने की व्यवस्था भी की गई है।
बच्चों की मुश्किलें कम करने का एक छोटा सा प्रयास
पीएम मोदी ने सोमवार को कोरोना से अपनों को खोने वाले बच्चों को लेकर कहा, ‘मैं जानता हूं, कोरोना की वजह से जिन्होंने अपनों को खोया है, उनके जीवन में आया ये बदलाव कितना कठिन है।’ उन्होंने कहा, ‘ऐसी चुनौतियों में पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन्स आप सभी ऐसे कोरोना प्रभावित बच्चों की मुश्किलें कम करने का एक छोटा सा प्रयास है।’
4 हजार रुपए हर महीने की व्यवस्था
वहीं जो बच्चे आगे किसी प्रॉफेशनल कोर्स के लिए, हायर एजुकेशन के लिए एजुकेशन लोन लेना होगा तो उसके लिए छात्रों को स्टाइपेंड और आर्थिक मदद भी दी जाएगी। उन्होंने कहा, ‘अगर किसी को चाहिए होगा, तो पीएम केयर्स उसमें भी मदद करेगा। रोजमर्रा की दूसरी जरूरतों के लिए अन्य योजनाओं के माध्यम से उनके लिए 4 हजार रुपए हर महीने की व्यवस्था भी की गई है।’
आयुष्मान हेल्थ कार्ड से 5 लाख तक का इलाज मुफ्त
पीएम मोदी ने स्वास्थ्य पर बात करते हुए कहा कि, बीमारी किसी को भी कभी भी पकड़ सकती है। अगर ऐसी कोई समस्या किसी बच्चे को आती है तो उसे पैसे को लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है। पीएम केयर फंड के माध्यम से आयुष्मान हेल्थ कार्ड भी दिया जाएगा जिसकी मदद से 5 लाख तक का इलाज मुफ्त मिलेगा। पीएम मोदी ने बताया कि, बच्चों को भावनात्मक सहयोग और मानसिक सहयोग के लिए एक विशेष संवाद भी सेवा शुरू की है। इसके जरिए बच्चे संवाद हेल्प लाइन नंबर से विशेषज्ञों से बात कर सकते हैं।