मणिपुर में 3 महिलाओं के साथ बर्बरता करने वाला मुख्य आरोपी 77 दिन बाद गिरफ्तार !
मणिपुर में तीन महिलाओं से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। घटना के 77 दिन बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया
सूत्रों के मुताबिक मणिपुर में तीन महिलाओं से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। घटना के 77 दिन बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। इस बीच इस घटना को लेकर देशभर में निंदा की आंधी चल पड़ी है। इस बीच, केंद्र ने ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को वीडियो हटाने का आदेश जारी किया है। समाचार एजेंसी एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है। सरकार के मुताबिक फिलहाल मामले की जांच चल रही है। इसलिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को भारतीय कानूनों का पालन करना होगा।
56 साल के शख्स की हत्या
वायरल वीडियो की घटना इंफाल से करीब 35 किलोमीटर दूर कांगपोकपी जिले में हुई। पुलिस एफआईआर के मुताबिक, उस घटना में पीड़ित महिलाओं के परिवार के दो सदस्यों की भी हत्या कर दी गई थी। एफआईआर के मुताबिक, 4 मई को कुकी परिवार के 5 सदस्य डर के मारे जंगल में छिप गए। पुलिस ने उन्हें बचाया। लेकिन वे पुलिस के हाथ से छीन लिये गये। तब एक 56 साल के शख्स की हत्या कर दी गई थी। फिर तीनों महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया गया। 21 साल की एक महिला के साथ कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया। बाद में तीनों महिलाएं किसी तरह भाग निकलीं। 21 जून को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई।
स्मृति ईरानी ने इस घटना पर चिंता व्यक्त की
इस बीच, केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्री स्मृति ईरानी ने कल रात इस घटना पर चिंता व्यक्त की। इसे लेकर बीजेपी सांसद ने एक ट्वीट किया। इसमें उन्होंने लिखा, ‘मणिपुर में 2 महिलाओं के यौन उत्पीड़न का भयावह वीडियो निंदनीय और पूरी तरह से अमानवीय है।’ स्मृति ने कहा कि उन्होंने इस घटना के बारे में मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से बात की। स्मृति ने ट्वीट किया, ‘मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने मुझे बताया कि घटना की जांच चल रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि अपराधियों को सजा दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।
बढ़ती जा रही हिंसा के कारण होने वाली मौतों की संख्या
बता दें कि 3 मई के बाद से मणिपुर में जातीय हिंसा देखी जा रही है. कई बार स्थिति कुछ शांत रही। लेकिन स्थिति पूरी तरह सामान्य नहीं है। अब तक हजारों लोगों को बचाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। अधिकांश लोगों को चुराचांदपुर, मोरे, काकचिंग और कांगपोकपी जिलों से निकाला गया। इस बीच हिंसा के कारण होने वाली मौतों की संख्या बढ़ती जा रही है, महिलाओं और बच्चों को भी नहीं बख्शा जाता।
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