केजीएमयू के छात्र ने जानबूझ कर फेल करने के लगाए आरोप, जाँच कमेटी ने आरोपों को किया ख़ारिज !
लखनऊ केजीएमयू के वृद्धावस्था मानसिक स्वास्थ्य विभाग के डीएम छात्र को जानबूझकर फेल नहीं किया गया था। इस आरोप को जांच कमेटी ने नकार दिया है।
लखनऊ केजीएमयू के वृद्धावस्था मानसिक स्वास्थ्य विभाग के डीएम छात्र को जानबूझकर फेल नहीं किया गया था। इस आरोप को जांच कमेटी ने नकार दिया है। पांच सदस्यीय जांच कमेटी का कहना है कि छात्र के आरोपों की पुष्टि नहीं हुई है। वहीं पीडि़त छात्र अब हाईकोर्ट जाएगा।
यौन उत्पीडऩ करने का भी आरोप
केजीएमयू के वृद्धावस्था मानसिक स्वास्थ्य विभाग में सुपर स्पेशियालिटी कोर्स डीएम के छात्र ने वाइवा में जानबूझकर फेल करने का आरोप लगाया था। इसमें विभागाध्यक्ष और दो अन्य शिक्षकों की भूमिका पर सवाल उठाए थे। छात्र ने एक शिक्षक पर यौन उत्पीडऩ करने का भी आरोप लगाया था। विभाग के शिक्षकों पर निजी काम कराने व एक आध्यात्मिक गुरु के संपर्क में रहने के लिए दबाव बनाने की बात भी कही थी। इसके बाद मामले का मानवाधिकार आयोग ने भी संज्ञान लिया था। इस मामले में केजीएमयू से रिपोर्ट तलब की है।
जाँच कमेटी ने सौपी रिपोर्ट
कुलपति डॉ. बिपिन पुरी के मुताबिक जांच कमेटी ने रिपोर्ट सौंप दी है। कमेटी ने छात्र व आरोपी शिक्षकों के बयान लिए थे। कमेटी ने वाइवा की रिकॉर्डिंग भी परखी। रिकॉर्डिंग में साफ हुआ कि छात्र वाइवा में परीक्षकों के सवाल के जवाब नहीं दे सका। वाइवा में बाहरी शिक्षक ही सवाल पूंछते हैं। इसलिए पक्षपात के आरोप झूठे हैं। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्यवाही की जाएगी। वहीं छात्र इस मामले में हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहा है। उसके अनुसार वाइवा में बाहरी शिक्षक भले ही होते हैं लेकिन वे विभाग के शिक्षकों के प्रभाव में रहते हैं
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