झारखंड जनजातीय महोत्सव 2022 का हुआ शुभारम्भ, जानिए यहां की खास बातें !

राज्य समन्वय समिति की अध्यक्षता राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन ने शुरू किया तो वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने महोत्सव की अध्यक्षता की

आज देश के झारखण्ड राज्य की राजधानी रांची में ऐतिहासिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। वहां की ऐतिहासिक मोरहाबादी मैदान में दो दिवसीय झारखंड आदिवासी महोत्सव 2022 शुरू हुआ।

आदिवासी संस्कृति, खान-पान और पहनावे पर चर्चा हुई

जिसे राज्य समन्वय समिति की अध्यक्षता राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन ने शुरू किया। इस बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने महोत्सव की अध्यक्षता की। आपको बता दें इस दो दिवसीय महोत्सव में आदिवासी संस्कृति, खान-पान और पहनावे पर चर्चा हुई। जानिए इस आयोजन की खास बातें व कार्यक्रम किस प्रकार का होगा ?

भगवान बिरसा मुंडा पर विशेष लोकगीत प्रस्तुत किया

दो दिवसीय झारखंड आदिवासी महोत्सव 2022 के पहले दिन यानि आज दोपहर 2:00 बजे मेघा श्रीराम डाल्टन द्वारा भगवान बिरसा मुंडा पर विशेष लोकगीत प्रस्तुत किया। बता दें कि मेघा श्रीराम डाल्टन पलामू में रहने वाले मशहूर फिल्म निर्माता श्रीराम डाल्टन की पत्नी हैं।

आदिवासी जीवन दर्शन की झलक पेश की

रांची के मोरहाबादी में आयोजित दो दिवसीय झारखंड आदिवासी महोत्सव 2022 समृद्ध आदिवासी जीवन दर्शन की झलक पेश की। गोष्ठियों, सांस्कृतिक, रंगारंग कार्यक्रमों, कला और संगीत पर पोशाक फैशन शो, आदिवासी इतिहास, साहित्य, नृविज्ञान आदि के माध्यम से जल, जंगल, भूमि के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध आदिवासी परंपराओं के बारे में अधिक जान सकते हैं।

शरीर के लिए कितने फायदेमंद

इतना ही नहीं आदिवासियों का खाना कैसा है और क्या है इसकी खासियत? अगर आप जानना चाहते हैं तो झारखंड ट्राइबल फेस्टिवल में आजम एम्बा के फूड स्टॉल आपका इंतजार कर रहे। जनजातीय भोजन के बारे में जानकारी के साथ-साथ जनजातीय संस्कृति को कवर करने वाले स्टालों का स्वाद भी लिया जा सकता है। यहां आप जान सकते हैं कि बेंग साग, चाकोड साग की सुनई फूल, फुटकल साग आदि से कितने स्वादिष्ट व्यंजन बनते हैं। ये शरीर के लिए कितने फायदेमंद होते हैं?

झारखंड आदिवासी महोत्सव में आज सुबह 3.30 बजे से 4.30 बजे तक छऊ महोत्सव का आयोजन हुआ। वहीं, शाम 5 बजे से कलाकार मिजोरम के मिसवा नृत्य, हमजर और बंबू नृत्य की प्रस्तुति दी।

झारखंड आदिवासी महोत्सव 2022 के अवसर पर झारखंड के आदिवासियों द्वारा बनाए गए हस्तशिल्प, वेशभूषा, स्थानीय भोजन, संगीत वाद्ययंत्र आदि प्रदर्शित करने वाले स्टॉल लोगों को प्रदर्शनी गैलरी की ओर आकर्षित किया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button