# लिज्जत पापड़ का परिचय : ‘छत से तय किया आसमां छूने का इरादा’ !
लिज्जत पापड़ एंटरप्राइजेज के 90 वर्षीय सह-संस्थापक जसवंतीबेन जमनादास पोपट को राष्ट्रपति द्वारा प्रतिष्ठित पद्म श्री से सम्मानित किया गया था
कहते है अगर प्रण अटल हो तो कोई भी काम मुश्किल नहीं होता। ऐसा ही एक निर्णय आज से 63 साल पहले महाराष्ट्र के गिरगांव की मकान की छत से सात घरेलू महिलाओं ने लिया था।
करोड़ों डॉलर का कारोबार खड़ा कर लिया
जी हाँ हम बात कर रहे है लिज्जत पापड़ की। जिसने आज करोड़ों डॉलर का कारोबार खड़ा कर लिया है। 2019 में 1600 करोड़ का कारोबार करने वाली इस कंपनी ने 2021 में जारी आंकड़ों के मुताबिक, पूरे भारत में 45,000 महिलाओं को रोजगार देती है। जो हर दिन 4.8 मिलियन या 48 लाख पापड़ बनाती हैं। हालांकि सात महिलाओं ने इसे 80 रुपये के कर्ज से शुरू किया था। पहले दिन लिज्जत के केवल 4 पैकेट ही बनाए गए।
80 रुपये उधार से शुरु किया व्यवसाय
यह पूरी कहानी शुरू 1959 से शुरू हुई। मुंबई के गिरगांव में रहने वाली सात गुजराती गृहणियों ने अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने का फैसला किया था। जसवंतीबेन जमनादास पोपट, पार्वतीबेन रामदास थोडानी, उजम्बन नरंदादास कुंडलिया, बानुबेन एन तन्ना, लागोबेन अमृतलाल गोकानी, जयबेन वी विट्ठलानी और दीवालीबेन लुक्का ने एक प्रण लिया था। इस अभी ने छगनलाल करमसी पारेख नाम के एक सामाजिक कार्यकर्ता से अपने व्यवसाय के लिए 80 रुपये उधार लिए।
पति की वित्तीय जिम्मेदारियों को कम करने के लिए
इन कम पढ़ी लिखी महिलाओं ने अपने खाना पकाने के कौशल का लाभ उठाया और पापड़ बनाने का फैसला किया। एक इंटरव्यू में, जसवंतीबेन कहती हैं: “हम कम पढ़े-लिखे थे, जिससे नौकरी मिलने की संभावना कम हो गई। लेकिन हमने महसूस किया कि हमारे पापड़ बनाने के कौशल का इस्तेमाल हमारे पति की वित्तीय जिम्मेदारियों को कम करने के लिए पैसे कमाने के लिए किया जा सकता है।” इसके बाद शुरू हुई लिज्जत पापड़ की कहानी साथ ही कंपनी की सफलता का सिलसिला। जो आज भी बदस्तूर जारी है।
बिजनेस वुमन ऑफ द ईयर पुरस्कार
नवंबर 2021 में, लिज्जत पापड़ एंटरप्राइजेज के 90 वर्षीय सह-संस्थापक ( Co Founder ) जसवंतीबेन जमनादास पोपट को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा प्रतिष्ठित पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। 2005 में देश के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने लिज्जत को ब्रांड इक्विटी अवार्ड से सम्मानित किया था। 2003 में लिज्जत को देश में सर्वश्रेष्ठ कुटीर उद्योग पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 2002 में, इकोनॉमिक टाइम्स ने उन्हें बिजनेस वुमन ऑफ द ईयर पुरस्कार से सम्मानित किया।
महिला सशक्तिकरण व आत्मनिर्भरता को दिखाती
इन सात रत्नों की कहानी पूरी तरह से महिला सशक्तिकरण व आत्मनिर्भरता को दिखाती है। इस पूरी कहानी को फिल्म निर्माता आशुतोष गोवारिकर बनाने जा रहे है। इसके लिए वो अभिनेत्री कियारा आडवाणी को मुख्य भूमिका में दिखा सकते है।