Kantatoli: कांटाटोली में सात माह में 10 पीयर जमीन से आये उपर !
अत्याधुनिक सेगमेंटल (State-of-The-Art Segmental) गडर प्रणाली से बन रहे कांटाटोली फ्लाईओवर का कार्य अब जमीन पर दिखने लगा है।
अत्याधुनिक सेगमेंटल (State-of-The-Art Segmental) गडर प्रणाली से बन रहे कांटाटोली फ्लाईओवर का कार्य अब जमीन पर दिखने लगा है। पिछले सात माह में ही 10 पीयर यानी खंभे जमीन के उपर आ गये है। जबकि बाधाओं के कारण पिछले साल मात्र दो पीयर ही बन पाया था। कांटाटोली फ्लाईओवर 2240 मीटर लंबा योगदा सत्संग भवन से शांतिनगर तक बन रहा है। फ्लाईओवर के लिए कुल 42 पीयर बनना है। शेष पीयर भी समय से बन जायेंगे। इसके बाद फैक्ट्री से बन कर आये 16-16 मीटर के सेगमेंटल गडर को पीयर पर रखकर फ्लाईओवर (flyover) का रूप दिया जाना शुरू किया जायेगा। यह गडर चेनवाले क्रेन से पीयर पर चढ़ाया जायेगा।
सर्विस लेन के लिए अलकतरा कराया उपलब्ध
सबसे कठिन कार्य 16 मीटर के एक गडर को फैक्ट्री से कांटाटोली तक लाना होगा। 16 मीटर का गडर नामकुम से लाने में चौक चौराहों पर घुमाना एक कठिन कार्य होगा। फिर प्रशासन और स्थानीय लोगों के सहयोग से गडर लाकर पीयर पर चढ़ाया जायेगा। अब तक 17 पाइल कैप की भी कास्टिंग हो चुकी है। जुडको ने फ्लाईओवर बनाने वाली कंपनी मेसर्स दिनेशचंद्र अग्रवाल एंड संस को दोनो ओर सर्विस लेन बनाने के लिए अलकतरा उपलब्ध करा दिया है।
मुख्य सूचना
- प्रशासन और स्थानीय लोगों के सहयोग से गडर लाकर पीयर पर चढ़ाया जायेगा।
- अब तक 17 पाइल कैप की भी कास्टिंग हो चुकी है।
- अब जल्द ही सर्विस लेन बनाने का भी काम शुरू हो जायेगा।
- इससे आम लोगों को आवागमन में राहत मिलेगी।
- बरसात के कारण सर्विस लेन का कालीकरण नहीं हो पा रहा था।
- फ्लाईओवर के निर्माण कार्य में अब भी बाधायें मौजूद है।
महत्वपूर्ण जानकारियां
- आम लोगों को राहत दिलाने के लिए टेंडर का निष्पादन भी रिकार्ड समय में किया गया।
- पब्लिक नोटिस दिये जाने के बावजूद अब तक नहीं अतिक्रमण हटा और नहीं बिजली के तार खंभे।
- रांची नगर निगम और याातायात पुलिस का सहयोग भी काम में तेजी लाने में सहायक रहा है।
- बावजूद इसके निर्माण कार्य करने वाली कंपनी यथासंभव तेजी से कार्य करती जा रही है।
- आप्टिकल फाइबर और केबल जंक्शन बाक्स भी नहीं हटे है।
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