बच्चों से जबरदस्ती झाड़ू लगवाते नज़र आए गुरु जी, कहा ऊपर से आर्डर है !

झाड़ू पकड़ाए जाने को जिम्मेदार अधिकारी शिक्षकों व बच्चों का श्रमदान करार दे रहे है जबकि शिक्षक आराम फ़रमा रहे

सरकारी स्कूलों में सरकारी योजनाओं को पलीता लगाते हुए उन्हें किताबो की जगह झाड़ू पकड़ाए जा रहे है। झाड़ू पकड़ाए जाने को जिम्मेदार अधिकारी शिक्षकों व बच्चों ( children ) का श्रमदान करार दे रहे है। जबकि श्रमदान में केवल बच्चों का झाड़ू लगाना और शिक्षकों का आराम फरमाना कहाँ तक सही है ?

 

अध्यापक स्कूल देर से आते हैं

पूरा मामला जिले के घुनपई गांव का है। जहां सुबह एक प्राथमिक विद्यालय में बच्चे जल्दी स्कूल पहुंचने के बाद झाड़ू लगाते नज़र आ रहे हैं। जिसका एक विडियो भी सामने आया है। बताया जा रहा है की अध्यापक स्कूल देर से आते हैं लेकिन बच्चों को जल्दी बुलाकर उनसे झाड़ू भी लगवाते हैं। वहीं बताया जा रहा है लेकिन जिस तरह से सरकारी स्कूलों में बच्चो के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा ?

वहां की शिक्षा व्यवस्था का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं की विडियो में दिख रहा ये व्यक्ति कोई साधारण आदमी नहीं है। ये वो महासय हैं जिनके कंधों पर देश के भविष्य का बोझ हैं और उसी भविष्य से स्कूल में झाड़ू लगवाकर सीना चौड़ा कर खड़े हैं।

जी हां ये व्यक्ति फिरोजाबाद के प्राथमिक विद्यालय मे एक सरकारी अध्यापक की पोस्ट पर तैनात हैं लेकिन इनका काम देर आना और बच्चों से स्कूल की साफ सफाई कराना है। इनका कहना है की बच्चों से ये सब करवाने के लिए अधिकारियों ने बोला है इसलिए करवाया जा रहा है। आप सुनिए क्या कहना है इनका ?

बाइट – अंजली अग्रवाल, बेसिक शिक्षा अधिकारी

 

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