महाराष्ट्र के मुखर्जी नगर में लगी आग,वीडियो कॉल कर जाना लाड़लों का हाल !

महाराष्ट्र निवासी विकास ने बताया कि मैं इंद्रा विकास कॉलोनी में रहकर एसएससी की तैयारी कर रहा हूं। घटना के समय कोचिंग जाने की तैयारी कर रहा था। इसी दौरान मां का फोन किया। मां ने आग लगने के बारे में बताया और कहा कि इमारत में कई बच्चे फंस गए हैं।

ज्यादा तर स्टूडेंट्स कोचिंग जाते है अपना भविष्य अच्छा बनाने के लिए ऐसा इसलिए किया जाता है क्योकि स्कूल के टीचर्स सब पड़ा नहीं पाते और बच्चो को पूरी तरह समझ नहीं आता इसीलिए बच्चे खुद के लिए कोचिंग सेंटर जाते है। महाराष्ट्र निवासी विकास ने बताया कि मैं इंद्रा विकास कॉलोनी में रहकर एसएससी की तैयारी कर रहा हूं। घटना के समय कोचिंग जाने की तैयारी कर रहा था। इसी दौरान मां का फोन किया। मां ने आग लगने के बारे में बताया और कहा कि इमारत में कई बच्चे फंस गए हैं।

मुखर्जी नगर के कोचिंग सेंटर में आग लगने की घटना

 

दिल्ली: मुखर्जी नगर के कोचिंग सेंटर में लगी आग, छात्रों ने रस्सियों के  सहारे कूदकर बचाई जान, कुछ कोई आई चोटें - Fire breaks out in delhi mukherjee  nagar gyan building ...
वहीं, पटना निवासी समीर यादव ने बताया कि घटना के समय मैं लाइब्रेरी में था। इसी दौरान मां ने व्हाट्सएप कॉल की और सही सलामत देखकर मां की आंखों से आंसू निकल गए। मां से रोने का कारण पूछा तो उन्होंने आग लगने की जानकारी दी। राजधानी के ज्यादातर निजी कोचिंग संस्थान भविष्य संवारने के नाम पर छात्रों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। बहुमंजिला इमारतों में घुसने के लिए संकरी सीढि़यां, प्रवेश व निकासी के छोटे रास्ते, छोटे कमरों में ठसाठस भरे छात्र ये हालात इन कोचिंग संस्थानों में आम हैं।
Delhi Fire Mukherjee Nagar Sanskriti Coaching Centre | Delhi Fire: दिल्ली  के मुखर्जी नगर के कोचिंग सेंटर में लगी आग, छात्र कूदकर बचा रहे जान

छात्रों की जान से खिलवाड़

ऐसे में छोटी से चिंगारी बड़े हादसे में तब्दील हो सकती है। मुखर्जी नगर का हादसा इसकी नजीर भी है। कोचिंग क्लास में सिर्फ धुंआ भरने से इस कदर अफरातफरी मची कि जान बचाने के लिए बच्चे रस्सी के सहारे पांचवीं मंजिल से नीचे उतरने को मजबूर हुए।  प्रवेश मार्ग पर ही बिजली मीटर व तारों के जाल और सैकड़ों की संख्या में लगे एसी-कूलर खतरे की घंटी बजाते रहते हैं। कोचिंग सेंटरों के ज्यादातर क्लास रूम छोटे हैं। इसमें 200-400 बच्चों के बैठने लायक ही जगह है, लेकिन 1000 से अधिक बच्चों को एक साथ पढ़ाया जा रहा है।
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