राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल ने कलेक्ट्रेट पर अनुच्छेद 341 (3) से धार्मिक प्रतिबंध हटाए जाने को लेकर किया प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन !
आजमगढ़ में कलेक्ट्रेट पर राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल के द्वारा प्रदर्शन कर और जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंप कर दलित अल्पसंख्यकों को हिंदू दलित की तरह आरक्षण देने की मांग की गई।

आजमगढ़ में कलेक्ट्रेट पर राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल के द्वारा प्रदर्शन कर और जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंप कर दलित अल्पसंख्यकों को हिंदू दलित की तरह आरक्षण देने की मांग की गई। राष्ट्रीय उलमा काउंसिल के युवा प्रदेश अध्यक्ष नुरुल होदा ने बताया कि 10 अगस्त आज ही के दिन 1950 को तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा संविधान के अनुच्छेद 341(3) में संशोधन का धार्मिक प्रतिबंध लगाकर मुस्लिम व ईसाई दलितों से आरक्षण छीने जाने का कार्य किया था। यह आज भी जारी है। जबकि हर धर्म में दलित वर्ग है।
आजादी का पहला उद्देश्य था कि सभी वर्गों की सामाजिक आर्थिक और शैक्षिक विकास के लिए समान अवसर उपलब्ध कराया जाना था। धर्म जाति वर्ग नस्ल लिंग के भेदभाव के बिना सभी वर्गों के पिछड़ेपन को दूर करने और जीवन स्तर को उठाने के लिए आरक्षण की सुविधा दी गई थी लेकिन मुस्लिम और ईसाई इससे वंचित रह गए। नुरुल हुदा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पसमांदा मुसलमानों के हक की बात करते हैं तो उनको इन मुस्लिम और ईसाई दलितों के हक के लिए भी कार्य करना चाहिए। जिस प्रकार से चुनाव में आरक्षित सीटों पर हिंदू के दलित लड़ते हैं ईसाई और मुस्लिम दलित को भी अधिकार होना चाहिए।
हैशटैग भारत की हिन्दी वेबसाईट के लिए आप यहां www.hashtagbharatnews.com क्लिक कर सकते हैं। आप हमें Facebook, Twitter, Instagram और Youtube पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।