पृथ्वी पर सबसे पुराने जीवित संतों में से एक हैं बाबा हनुमान दास !
हिंदुस्तान मैं बहुत सारे ऐसे लोग आपको मिल जाएंगे जो अपनी जिंदगी के ऐसे पड़ाव में हैं।
हिंदुस्तान मैं बहुत सारे ऐसे लोग आपको मिल जाएंगे जो अपनी जिंदगी के ऐसे पड़ाव में हैं। जहां पर शायद ही कोई व्यक्ति कभी पहुंचे। यह फिर दुनिया के किसी अन्य भाग में वो व्यक्ति मौजूद हो।
आज हम जिस शख्स के बारे में आपको बताएंगे उसके बारे में जानकर आपको सबसे पहले यही लगेगा कि ये सब बातें काल्पनिक हैं। लेकिन ये बातें काल्पनिक नहीं ये हकीकत है। इसी कहानी में आज हम आपको मथुरा के एक ऐसे संत के बारे में बताएंगे। जिनकी उम्र 170 साल की है। जो पृथ्वी पर सबसे पुराने जीवित संतों में से एक हैं। जिनका नाम ‘हनुमान दास बाबा’ है।
जब झांसी की रानी अंग्रेजों से लड़ी
कहा जाता है कि किसी ने उनसे एक बार उनके उम्र के लिए को लेकर सवाल पूछा, तो बाबा ने हंसते हुए बताया कि बेटा मुझे अपनी उम्र का तो नहीं पता लेकिन मुझे याद है। जब झांसी की रानी अंग्रेजों से लड़ रही थी। उस समय मेरी उम्र 12 साल की थी। इसके हिसाब से आप उनकी उम्र का आकलन कर सकते हैं। झांसी की रानी लगभग 1857 में अंग्रेजो के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। इसलिए हनुमान दास बाबा का उम्र अनुमानित 170 या 171 वर्ष का होगा।
भव्य गौशाला की स्थापना
हनुमान दास बाबा बताते हैं कि वह बहुत कम उम्र में ही अपने घर को त्याग कर वृंदावन आ बसे थे। और यहीं से उन्होंने अपने मन को अपने शरीर को पूरी तरीके से श्री कृष्ण के भक्ति में लीन हो गए थे। हनुमान दास बाबा वृंदावन में एक भव्य गौशाला की स्थापना की है। जहां आज के समय में तकरीबन एक हजारों से ज्यादा गाय है। बाबा दिन रात उनकी सेवा और सुरक्षा करते हैं।
आज के युग में जहां हम अपनी खान- पान अपने वातावरण अनुकूल बनाने की बहुत सारी कोशिश करते हैं। लेकिन वे सारी चीजें विफल हो जाती है। और हम एक लंबी उम्र नहीं जी पाते है। ऐसे में हनुमान दास बाबा हम लोगों के लिए एक चैलेंज है कि कैसे कोई व्यक्ति 170 साल तक जी सकता है विज्ञान भी हैरान है परेशान हैं एवं बाबा हनुमान दास के सामने नतमस्तक है।
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