Ashok Gehlot On Rape: रेप पर ये क्या बोल गए CM गहलोत !

Ashok Gehlot के बयान पर BJP का पलटवार, रेप के बाद रेपिस्ट को फांसी ने दे तो क्या गुणगान करें

महंगाई, बेरोजगारी और सोनिया राहुल से ED की पूछताछ के खिलाफ किए जा रहे विरोध-प्रदर्शन में बड़े बड़े कांग्रेस नेता शामिल हुए है वहीँ कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में से एक राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत भी दिल्ली में है. कांग्रेस का प्रदर्शन चर्चा का विषय तो है ही लेकिन अशोक गहलोत ने एक ऐसा बेतुका बयान दिया है जो किसी की भी समझ के परे है और अब अशोक गेहलोत लोगों के निशाने पर आ गए हैं।

दरअसल अशोल गेहलोत ने न जाने कौन से आंकड़े पढ़े या स्टडी कर ली की उन्हें रेप के बाद पीड़िता की हत्या के लिए फांसी की सजा को जिम्मेदार बताया है। मतलब अगर किसी का रेप पीड़िता की हत्या होती है तो उसका जिम्मेदार हत्या करने वाला शख्श नहीं बल्कि रेप करने पर फांसी की सजा है। अशोक गेहलोत यही नहीं रुके उन्होंने यह भी कहा कि यह देश के लिए खतरनाक चलन और चिंता का विषय है।

क्या बोले अशोक गहलोत-

एक तरफ पूरे देश में रेप के खिलाफ फांसी की सजा का कानून लेन के लिए प्रोटेस्ट हो रहे है. वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अलग ही स्टडी कर रहे है। दरअसल अशोक गहलोत शुक्रवार को दिल्ली दौरे पर थे, इस दौरान उन्होंने पत्रकारों के सवाल पर यह बयान दिया है। उन्होने कहा-रेपिस्ट यह सोचता है कि मैंने जिसके साथ रेप किया है. उस बच्ची ने अगर कोर्ट में मेरे खिलाफ बयान दे दिया तो मुझे फांसी हो जाएगी। इसलिए वह गवा को खत्म करने के लिए हत्या कर देता है। आपका उनका या बयान सुनिए –

इतना ही नहीं जिस रेप कांड ने पूरे देश को दहला दिया था जिसने पूरे देश में रेप के खिलाफ एक मुहीम छेड़ दी थी राजस्थान के मुख्यमंत्री को वो नाम तक याद नहीं है.

निर्भया का नाम भूले गहलोत-

अशोक गहलोत निर्भया का नाम तक भूल गए है. आप इसी बात से अंदाजा लगा सकते है की हमारे देश में नेता रेप की घटनाओं को किस गंभीरता से लेते है। और पहली बार नहीं अशोक गेहलोत ने इससे पहले ये भी बयान दिया था की रेप केस ज्यादातर फ़र्ज़ी होते है।

बीजेपी का हमला-

वहीँ अशोक गेहलोत के इस बयान के बात सियासत भी गर्मा गयी। बीजेपी अशोक गेहलोत पर जमकर हमला बोल रही है। भाजपा के प्रवक्ता सहजाद पूनावाला ने राजस्थान के मुख्ममंत्री के साथ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पर भी निशाना साधा।

उन्होंने कहा, ”गहलोत जी कह रहे हैं कि रेप का कानून जिम्मेदार है, रेपिस्ट जिम्मेदार नहीं है। राजस्थान में ‘रेपिस्ट बचाओ आंदोलन’ जो चल रहा है वह चरम पर पहुंच चुका है। उनके मंत्री ने कहा था कि मर्दों का प्रदेश है, रेप होता रहेगा। इसलिए राजस्थान रेप के मामले में नंबर पर हो चुका है, महिला उत्पीड़न में नंबर वन हो चुका है। लेकिन प्रिंयका वाड्रा जो कहती हैं कि लड़की हूं लड़ सकती हूं, चुप रहती हैं। रेप के बाद यदि फांसी की सजा नहीं दी जाए रेपिस्ट को तो उसका महिमामंडन किया जाए क्या।”

बात राजस्थान की करें तो प्रदेश में महिलाओं और बच्चियों के साथ रेप की घटनाओं में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। यहां हर साल करीब 2000 बच्चियों से रेप हो रहे हैं। जनवरी 2020 से जनवरी 2022 तक नाबालिग बच्चियों से रेप के 4091 (पॉक्सो एक्ट) केस दर्ज हुए हैं। वहीं, दो साल में महिलाओं से रेप के कुल 11,368 केस दर्ज हुए हैं। वहीं इन दो साल में 26 मामले ऐसे हैं, जहां बलात्कार के बाद बच्चियों की हत्या कर दी गई।

वहीं एक मुख्यमंत्री के तौर पर अशोक गेहलोत का ये बयान कहीं न कहीं गैर जिम्मेदाराना है।

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